भोपाल। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट मामले में मप्र के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने फिर उत्तर प्रदेश पुलिस को घेरा है। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस चाहती तो सैफुल्लाह को जिंदा पकड़ सकती थी। लेकिन उसने शुरू से ही लापरवाही की। ये उनका इंटेलिजेंस फेल्योर है। उन्होंने यह भी कहा कि करीब डेढ़-दो साल से आतंकी घटना के फिराक में थे। वहीं कानपुर में सैफुल्लाह के एनकाउंटर को राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष आमिर रशादी ने फर्जी बताया है।
उन्होंने सैफुल्लाह के घर जाकर परिवार और मोहल्ले को भड़काने वाली तकरीर भी दी। पुलिस ने आमिर के खिलाफ भड़काउ बयान देने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। आमिर ने कहा- बाटला हाउस की तरह यह फर्जी एनकाउंटर है। अगर क्रॉस फायरिंग हो रही थी तो पुलिसवाले जंगले के आसपास कैसे घूम रहे थे। साफ है कि पुलिस ने उसे बंधक बना रखा था। उलेमा ने आरोप लगाया कि आरएसएस के एजेंडे पर चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए यह काम हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे 15-20 साल बाद अदालतों से छूटते हैं।
सरकारें घर से भागे लड़कों को अपने पास रखती हैं और मौका देख इन्हें आतंकी बताकर फंसा देते हैं। आमिर ने कहा कि पूरे प्रकरण से यूपी के डीजीपी लापता हैं। पहले कहा कि इसमें आईएस का हाथ है और फिर मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाकर ऐसे अधिकारियों के नार्को टेस्ट की मांग की जाएगी। मैं खाल के साथ वर्दी उतरवाऊंगा। लड़कों के घरवालों को तैयार कर रहा हूं। दूसरी तरफ, सैफुल्ला के पिता सरताज ने कहा कि वह अपने फैसले पर कायम हैं और आतंकवाद के खिलाफ देश के साथ हैं। सरताज ने बेटे का शव लेने से इन्कार कर दिया था।