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जयललिता के बाद एआईएडीएमके पर काबिज होने की कोशश कर रहे शशिकला कैंप को इससे तगड़ा झटका लगा है। इस मामले में सत्ताधारी गुट की अगुवाई महासचिव वीके शशिकला कर रही हैं, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं।
इस मसले पर पन्नीरसेल्वम धड़े के पंड्याराजन का कहना है कि उन्हें फिलहाल उसकी जानकारी नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा है कि दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिह्न भी दिए जा सकते हैं।
निर्वाचन आयोग के पास थे तीन विकल्प
आयोग या तो शशिकला गुट को या पन्नीरसेल्वम गुट को चिह्न आवंटित कर देता या चिन्ह को फ्रीज कर देता। चुनाव आयोग ने अंतिम विकल्प पर ही फैसला सुनाया। तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को विधानसभा उपचुनाव होना है। ऐसे में चिह्न के आवंटन का मामला महत्वपूर्ण था। अन्नाद्रमुक के विरोधी धड़ों के बीच पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावे को लेकर बुधवार सुबह सुनवाई हुई। दोनों पक्षों ने चुनाव आयोग के समक्ष अपने विचार रखने के लिए शीर्ष वकीलों को नियुक्त किया था।
पन्नीरसेल्वम और शशिकला दोनों के थे अपने अपने तर्क
सुनवाई के दौरान पन्नीरसेल्वम धड़े ने शशिकला को पार्टी का शीर्ष पद देने पर सवाल खड़े किए और पार्टी का चुनाव चिह्न जब्त करने की मांग की। दूसरी तरफ शशिकला खेमे ने दावा किया कि उनके पास पार्टी प्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों का बहुमत है इसलिए पन्नीरसेल्वम खेमे का कोई मूल्य नहीं है। आखिर में इसे पन्नीरसेल्वम खेमे की जीत कहा जा सकता है।
इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता प्रतिनिधि चुनी गई थीं। उनके निधन के कारण यहां उप चुनाव हो रहा है। एआईएडीएमके उप महासचिव टीटीवी दिनकरन सत्ताधारी दल से आरके नगर सीट से चुनाव लड़ेंगे। पन्नीरसेल्वम गुट ने ई. मधुसूदन को मैदान में उतारा है।