नई दिल्ली। दिल्ली में प्लेसमेट एजेंसी के नाम पर गरीब लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली में लाकर जबरदस्ती सेरोगेसी (किराये पर कोख बेचना) का काम करन वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। दो पीड़ित महिलाओं ने इस गिरोह की शिकायत दिल्ली महिला आयोग से की थी। उसके बाद आयोग ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने एक महिला आरती व उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के मुताबिक, बुधवार दुपहर को दो महिलाएं आयोग की महिला पंचायत काउंसलर के साथ मुख्यालय पहुंची थीं। उनमें से एक महिला 30, झारखंड और दूसरी महिला (40) पश्चिमी बंगाल की है। झारखंड निवासी महिला ने बताया कि गांव में एजेंट नौकरी दिलवाने के बहाने उसे दिल्ली लाया था।
पहले उसे शकूरपूर स्थित प्लेसमेंट एजेंसी में रखा गया, जहां मोबाइल समेत आधार कार्ड भी छीन लिया गया। उसके बाद कहीं और छोड़ दिया गया। इसी एजेंसी की महिला व उसके पति ने जबरदस्ती कोख किराये पर देने का प्रेशर डाला, लेकिन जब मैंने मना किया तो मारपीट की गयी। महिला के साथ दो दिन तक रेप किया। इसके बाद आरती ने अपनी प्लेसमेंट एजेंसी के ऑफिस में इस महिला को कैद कर दिया। एक अन्य प्लेसमेंट वाले ने रेप किया।
वहीं, पश्चिमी बंगाल निवासी महिला का कहना था कि प्लेसमेंट एजेंसी ने नौकरी के बहाने दिल्ली लाया था। पहले एक कोठी में काम करवाया पर जब तबीयत खराब हो गयी तो उसे एक प्लेसमेंट एजेंसी के ऑफिस में बंद कर दिया गया। वहां इन दोनों महिलायों के अलावा छह अन्य लड़कियां व महिलाएं भी बंद थी। यहां एक लड़की गर्भवती है और एक अन्य के पास बच्ची भी है।
इन सभी प्लेसमेंट एजेंसी मालिकों का काम नौकरी के नाम पर गरीब लड़कियों को दिल्ली में लाकर बच्चे पैदा करवाना है। एक दिन गलती से ऑफिस का गेट खुला रहने से दोनों महिलाएं भागकर आयोग काउंसलर के पास पहुंच गयी। पुलिस ने निहाल विहार थाने में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।