भोपाल। मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की कुर्सी पर जमने को बेताब 70 साल के वयोवृद्ध नेता कमलनाथ इन दिनों हर मौके पर अपनी ब्रांडिंग करा रहे हैं। हालांकि उन्होंने मप्र में कांग्रेस को स्थापित या मजबूत करने के लिए कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया इसलिए बस इतना कहलवाया जा रहा है कि सिंधिया की तुलना में कमलनाथ का पलड़ा भारी है। आज विधानसभा में भी सिंधिया विरोधी और कमलनाथ समर्थक विधायकों ने यही लाइन दोहराई। कैमरों के सामने कुछ इस तरह का माहौल बनाया गया जैसे कमलनाथ के बिना कांग्रेस तबाह हो जाएगी और ज्योतिरादित्य सिंधिया में वो बात नहीं है, जो शिवराज सिंह जैसे दिग्गज नेता को नुक्सान पहुंचा सके।
योजनाबद्ध तरीके से विधानसभा में कांग्रेस के नेतृत्व परिवर्तन का जिक्र करवाया गया। फिर कैमरों के सामने अपने पसंदीदा विधायक भेजे गए। हांलाकि इस बीच कुछ विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी पैरवी की, लेकिन कैमरे के सामने आए ज्यादातर विधायक कमलनाथ के ही गुणगान कर रहे थे।
वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक गोविन्द सिंह ने कहा कि नेतृत्व परिववर्तन के लिए अभी सही समय है, ज्योतिरादित्य सिंधिया या कमलनाथ को कमान सौंपना चाहिए। उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन कमलनाथ के नाम की पैरवी की। कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी है और राष्ट्रीय नेतृत्व जल्द फैसला करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई सचिन यादव ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि कमलनाथ प्रदेश में जल्द से जल्द सक्रिय हो। वहीं एमएलए जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ कभी निष्क्रिय ही नहीं हुए हैं। तरुण भनोट और मधु भगत बोले कि कमलनाथ को जल्द से जल्द कमान सौंपी जानी चाहिए।