भोपाल। राजधानी स्थित माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। मामला विधानसभा में गूंजा है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि एमसीयू की एक किताब में महात्मा गांधी के हत्यारे 'नाथूराम गोडसे' को महापुरुष बताया गया है। बता दें कि एमसीयू के भगवाकरण का आरोप भी लग चुका है। मप्र में भाजपा सरकार आने के बाद इस यूनिवर्सिटी पर विचारधारा विशेष के पदाधिकारियों का कब्जा हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पढ़ाई जा रही एक पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि इस पुस्तक में गोडसे और रावण को महापुरुष बताया गया है। उन्होंने कहा कि इस किताब के लेखक मोनिका वर्मा और सुरेंद्र पाल हैं।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इतना ही नहीं, इसी विश्वविद्यालय के एक शोधछात्र ने अपने शोधपत्र में नाथूराम गोडसे को महापुरुष बताया है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस व सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच जमकर नोक-झोंक हुई।
कांग्रेस ने बुधवार को सदन में राज्य के विश्वविद्यालयों में एमए में पढ़ाई जाने वाली किताब ‘भारत का भूगोल’ में गोंड जनजाति को गाय मारने वाला और गाय का मांस खाने वाला बताए जाने का मामला उठाया था। गुरुवार को जब उसने फिर यह मुद्दा उठाया तो उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सफाई दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई के लिए अफसरों को पत्र लिखा गया है।
पवैया जब जवाब दे रहे थे, तब कांग्रेस विधायकों ने टोका-टाकी की। इस पर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में क्या-क्या होता रहा है, यह सभी जानते हैं, उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों का हवाला दिया। किताबों में गलत तथ्य दिए जाने के मुद्दे पर विधानसभा में देर तक हंगामा चलता रहा।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव (रेक्टर) लाजपत आहूजा का कहना है कि “जनजातियों पर एक शोधकार्य हुआ है, जिसमें संबंधित वर्ग से पूछा गया कि उनका महापुरुष कौन है, तो एक व्यक्ति ने अपना महापुरुष ‘नाथूराम गोड’ को बताया है, न कि गोडसे को। यही बात शोधपत्र में प्रकाशित की गई है। आहूजा ने यह नहीं बताया कि ‘नाथूराम गोड’ कौन है।