भोपाल। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित पदों की भर्ती के लिए जारी किए गए विज्ञापन को निरस्त करते हुये स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में वर्षो से कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित किये जाने के की मांग को लेकर मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने मप्र स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने पर मंत्री रूस्तम सिंह ने कहा कि नियमित भर्ती में पहले से संविदा पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को प्रतिवर्ष के हिसाब से दो-दो अंक बोनस देने को तैयार हैं और आपके ज्ञापन पर हम दो-दो अंक बोनस के आदेश कर देंगें।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि हमे बोनस अंक नहीं वर्षो से स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में व्यापम एवं आनलाईन परीक्षा देकर चयनित होकर अनेक वर्षो से कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को जिस तरह से गुरूजी, पंचायत कर्मी, शिक्षा कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, मंत्री पदस्थापना में कार्य करने वाले अस्थाई कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति पिछले दरवाजे से की गई थी, को म.प्र. सरकार ने सीधे ही बिना किसी परीक्षा लिये नियमित कर, नियमित वेतनमान दे दिया उसी प्रकार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए।
क्योंकि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति विधिवत् चयन प्रक्रिया और मेरीट के आधार पर की गई है, वो पिछले दरवाजे से नहीं आए हैं । जब सरकार पिछले दरवाजे से आए हुये संविदा कर्मचारियों को सीधे नियमित कर सकती है तो विज्ञापन के माध्यम् से चयनित होकर नियुक्त हुये हैं ऐसे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित क्यों नहीं कर सकती है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार दोबारा से खुली भर्ती करवाकर फिर से एम.पी.आनलाईन परीक्षा देने की बात क्यों कर रही है । यह सरकार की दोहरी नीति है । संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ इस दोहरी नीति का विरोध करता है तथा वर्षो से दिन रात मेहनत करने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित किये जाने की मांग करता है । तो मंत्री जी ने मांग का निराकरण करने का आश्वासन देते हुये कहा है कि हम आपके इस ज्ञापन पर विचार करेंगें लेकिन बोनस अंक दिये जाने के आदेश शीध्र जारी किये जायेंगें ।