पटना। आनेवाले दिनों में पटना प्रमंडल के अंतर्गत सभी जिले के पदाधिकारियों की उपस्थिति मोबाइल एप से दर्ज होगी। यह फैसला प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने शनिवार को जिला पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में लिया। उन्होंने कहा कि अधिकतर पदाधिकारी के कार्यालय से गायब रहने की शिकायत मिली है। उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके, इसके लिए यह फैसला लिया गया है। बैठक में सभी जिले डीएम, डीडीसी, डीइओ, सिविल सर्जन सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न विभागों में चल रही योजनाओं की समीक्षा की गयी और लक्ष्य ससमय पूरा करने के निर्देश दिये गये।
समीक्षा में प्रमंडल अन्तर्गत कई जिलों से ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई कि कई विभागों के अभियंता या अन्य पदाधिकारी मुख्यालय से बाहर रहते हैं, जिसकी सूचना जिला पदाधिकारी को नहीं हो पाती है। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि जब भी किसी जिला स्तरीय पदाधिकारी को मुख्यालय छोड़ना होगा तो वे इसकी सूचना मोबाइल एप के माध्यम से जिला पदाधिकारी समेत अपने नियंत्री पदाधिकारी को देंगे। आयुक्त ने निर्देश दिया गया कि ऐसा नहीं करने पर संबंधित अभियंता, पदाधिकारी का वेतन अवरूद्ध करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
भोजपुर सिविल सर्जन के वेतन पर रोक
समीक्षा के दौरान पटना प्रमंडल में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व देखभाल में भोजपुर सबसे पीछे पाया गया, जिसके बाद जिले के सिविल सर्जन पर कार्रवाई करते हुए वेतन पर रोक लगा दिया गया है. वहीं, नालंदा और कैमूर जिले को भी इस दिशा में प्रदर्शन सुधारने की नसीहत दी गयी है.
45 दिनों में हो सेविका-सहायिका की नियुक्ति
आयुक्त ने सभी जिला को आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के सभी रिक्त पदों को 45 दिनों में भरने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बरतने पर कार्रवाई की जायेगी.