नई दिल्ली। गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर की सफल महिला सरपंचों को सम्मानित किया। इसी सम्मान समारोह में केरल से एक महिला सरपंच हिजाब पहनकर आईं। सुरक्षाकर्मियों ने हिजाब के कारण उन्हे एंट्री गेट पर ही रोक लिया और हिजाब उतारकर अंदर जाने की अनुमति दी। अब यह मामला मुद्दा बन गया है। इसे महिलाओं का अपमान बताया जा रहा है। महिला आयोग ने भी इसे मानवाधिकारों का हनन बताया है। महिला सरपंच का नाम शाहर्बान सैदालवी है। वह केरल से आए एक प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा थीं। आयोजन गुजरात के गांधीनगर में सम्पन्न हुआ।
एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में केरल महिला आयोग की सदस्य नूरबीना राशिद के हवाले से लिखा है कि सरपंच सैदालवी को सुरक्षाकर्मियों ने समारोह में हिजाब हटाने के लिए कहा। उन्हें पूरे इवेंट में हिजाब नहीं पहनने दिया गया। समारोह में करीब छह हजार लोगों ने हिस्सा लिया था।सैदालवी के साथ आए 100 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल के लोगों ने याही खान को इस बारे में सूचना दी। रिपोर्ट में याही खान के हवाले से लिखा गया है, ‘जब प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों ने दखल दी तो उन्हें हिजाब एक घंटे बाद वापस दिया गया’
सैदालवी पिछले 20 साल ज्यादा समय से स्थानीय नेता हैं। केरल में उनकी पंचायत को खुले में शौच से मुक्त अभियान में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है। राशिद ने बताय, ‘यह अपमान है। महिला दिवस पर एक अल्पसंख्यक समुदाय की एक महिला के साथ ऐसा होता है।’ इसे मानव अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए केरल महिला आयोग ने संबंधित सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ कड़े कार्रवाई की मांग की है।
पीएम मोदी की इसी इवेंट में एक महिला को सुरक्षाकर्मियों ने मुंह बंद कर घसीटते हुए बाहर कर दिया था। महिला ने इवेंट में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन करने वाली महिला की पहचान ग्रेटर नोएडा की शालिनी के तौर पर हुई है। जब पीएम मोदी महिलाओं को संबोधित कर रहे थे, तभी उस महिला ने प्रदर्शन करते हुए स्टेज तक पहुंचने की कोशिश की। तभी सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शन करने वाली महिला को दबोच लिया। अंग्रेजी न्यूज चैनल इंडिया टुडे ने इस घटना का एक वीडियो प्रसारित किया है, जिसमें सुरक्षाकर्मियों द्वारा महिला का हाथ से मुंह बंद करके घसीटते हुए दिखाया गया है।