भोपाल। मप्र के स्कूलों में अब रोजाना राष्ट्रीय ध्वज फहराना होगा। राष्ट्रीय झंडा संहिता का हवाला देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है।स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने स्कूलों में रोजाना झंडा फहराने की घोषणा की थी। उसी घोषणा के तहत यह आदेश जारी किए गए हैं, जो सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों पर भी लागू होगा।
पिछले कई दिनों से स्कूल शिक्षा विभाग मशक्कत कर रहा था कि राष्ट्रीय ध्वज फहराने को किस नियम के तहत लागू करवाया जाए। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक निजी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले स्कूल भी शामिल रहेंगे। आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय झंडा संहिता 2002 में शैक्षणिक संस्थाओं में झंडा फहराने को लेकर निर्देश दिए हुए हैं, उसी के अनुसार ध्वज फहराया जाए।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम
फ्लैग कोड आॅफ इंडिया के अनुसार नियम विरूद्ध ध्वज फहराने पर तीन साल की जेल हो सकती है। या उसे अर्थदंड जिसे जुर्माना कहा जाता है भरना पड़ सकता है।
तिरंगा सूती वस्त्र का, सिल्क का या फिर खादी का होना चाहिए।
इसमें प्लास्टि का ध्वज बनाने की अनुमति नहीं है।
फटे या फिर क्षतिग्रसत ध्वज को फहराया नहीं जा सकता है।
तिरंगे ध्वज का निर्माण आयताकार में होता है इसका अनुपात 3 अनुपात 2 होता है।
ध्वज का उपयोग यूनिफाॅर्म या फिर साज सज्जा के लिए नहीं किया जा सकता है।
ध्वज में नीले रंग का ही अशोक चक्र बनाया जाता है। यह सफेद रंग पर होता है।
ध्वज पर कुछ भी बनाना या लिखना प्रतिबंधित होता है।
यह कहीं से भी कटा या फटा नहीं होना चाहिए।