भोपाल। मप्र में जहां शिवराज सिंह सरकार राशन की दुकानों तक को कैशलेस करने जा रही है वहीं शराब की दुकानों पर इसका विकल्प तक नहीं दिया जा रहा। सारा कारोबार नगदी में ही होगा। सीधा आरोप लगाएं तो शिवराज सिंह सरकार मप्र में शराब के कारोबार में काली कमाई के दरवाजे बंद नहीं करेगी। बता दें कि कैशलेस हो जाने पर सारा रिकॉर्ड कंट्रोल हो जाएगा। शराब में मिलावट का धंधा भी बंद हो जाएगा और मप्र से गुजरात में होने वाली सरकारी शराब की तस्करी भी पूरी तरह बंद हो जाएगी।
विधायक उमंग सिंघार के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि वर्तमान में 12 जिलों में नर्मदा किनारे 66 देशी विदेशी शराब की दुकानें हैं। इन दुकानों को नर्मदा किनारे से हटा दिया जाएगा लेकिन प्रदेश में शराबबंदी का कोई विचार नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि शराब की बिक्री में कैशलेस ट्रांजेक्शन की कोई अनिवार्यता या विकल्प नहीं होगा। विधानसभा सत्र में शून्यकाल के दौरान भी कांग्रेस विधायकों ने यह मामला उठाया कि नर्मदा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शराब बंदी की बात कह रहे हैं और वित्त मंत्री इससे इंकार कर रहे हैं।
विधायक सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार ने दुकानें हटाने के नाम पर एक दुकान का रेवेन्यू दूसरे दुकान पर ट्रांसफर कर दिया है। इससे कागजों पर तो दुकानें कम हो गईं लेकिन न शराब बिक्री कम हुई और न ही सरकार को रेवेन्यू का नुकसान हुआ। खलघाट में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।