नई दिल्ली। सरकारी आवास पर पीड़िता को नशीली चाय पिलाकर उसके साथ गैंगरेप के आरोपी उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खास नेता गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले उनके बेटे और भतीजे को अरेस्ट किया गया था। मंत्री के खिलाफ चुनाव के दौरान एफआईआर दर्ज की गई थी। गिरफ्तारी से पहले मंत्री ने चुनाव प्रचार किया और वोटिंग के बाद फरार हो गया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रजापति की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। प्रजापति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। गिरफ्तारी के बाद प्रजापति ने कहा, हम कह रहे हैं कि इस घटना का नार्को टेस्ट हो, नार्को टेस्ट से दूध का दूध का और पानी का पानी हो जाएगा। पुलिस ने उनके बेटे अनुराग व भतीजे अनिल को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। एडीजी दलजीत चौधरी ने आज कहा कि वो इतने दिनों से हरियाणा और दिल्ली में कहीं छिपा था। पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने बीते दिनों उनके साथियों की गिरफ्तारी के बाद साफ कह दिया था कि 24 घंटे के अंदर इसकी भी गिरफ्तारी हो जाएगी।
गौरतलब है कि गायत्री 27 फरवरी से फरार थे। उसके बाद छह मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था। प्रजापति अपनी गिरफ्तारी और एफआईआर पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे, प्रजापति को अदालत ने कहा था कि वह संबंधित कोर्ट में याचिका दायर करें। फरार चल रहे प्रजापति ने अपनी याचिका में मामले को राजनीति से प्रेरित बताया था, लेकिन अदालत ने उनकी कोई दलील नहीं सुनी।
पुलिस ने प्रजापति के बेटे और भतीजे से पूछताछ के बाद सीओ हजरतगंज व आलमबाग की टीम ने फरार साथियों पिंटू सिंह उर्फ अमरेन्द्र सिंह, रूपेश और विकास वर्मा को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस अब तक गायत्री प्रजापति के गनर रहे चन्द्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर चुकी है।
क्या है मामला
18 फरवरी को अमेठी से चुनाव लड़े गायत्री प्रजापति व उसके छह साथियों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट लिखाई गई थी। यह रिपोर्ट चित्रकूट की एक पीड़िता की तहरीर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिखी गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि गायत्री के सरकारी आवास पर उन्हें नशीला पदार्थ चाय में पिलाकर बेहोश कर दिया गया। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया।