नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) पर टोल टैक्स बढ़ा दिया है। सड़कें वहीं पुरानी हैं। उनकी लागत भी वही है, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर टैक्स 10 रुपए तक बढ़ा दिया गया है। अब यदि आप 1 अप्रैल के बाद इन सड़कों से गुजरेंगे तो आपको पहले की तुलना में करीब 10 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे। बता दें कि यह टैक्स नई सड़क की लागत को ध्यान में रखते हुए तय किए जाते हैं। टैक्स तय करते समय ही यह शर्त होती है कि जो कंपनी सड़क बना रही है वही मरम्मत भी कराएगी।
टोल टैक्स में 2-3 प्रतिशत तक की वृद्धि
एनएचएआई के देशभर में 386 हाईवे हैं। इन पर लगे टोल प्लाजा पर वाहनों से अलग-अलग हिसाब से टोल टैक्स लिया जाता है। एनएचएआई की ओर से हर साल अप्रैल माह की शुरुआत में टोल प्लाजा की रेट लिस्ट में संशोधन किया जाता है। इस बार भी एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर 2 से 3 फीसदी की वृद्धि तय की है। 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि का मतलब यह है कि वाहन चालकों को अब 5 से 10 रुपए ज्यादा टोल टैक्स देने होंगे।
31 मार्च रात 12 बजे से नई दरें लागू
कुछ टोल प्लाजा पर नई दरें जारी कर दी गई है, जबकि कुछ पर 31 मार्च से पहले लिस्ट भेजी जाएगी। 31 मार्च की रात से नई टोल दरें लागू कर दी जाएगी। खास बात यह है कि कमर्शियल वाहनों के साथ-साथ सामान्य वाहनों पर भी इसका असर पड़ेगा। प्रदेश में एनएचएआई के 6 हाईवे पर टोल प्लाजा हैं। इनमें दिल्ली-आगरा एनएच 2, दिल्ली-गुरुग्राम एनएच 8, दिल्ली-हिसार एनएच 10, पानीपत-अंबाला एनएच 1, रोहतक-बावल एनएच 71, रोहतक-पानीपत एनएच 71-ए शामिल हैं।
टोल दर वृद्धि में ओवरलोडिंग बड़ा हथियार
टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनियां आमतौर पर ओवरलोडिंग को बड़ा हथियार बनाती है। टोल कंपनी पर ही सड़क की दशा सुधारने का जिम्मा होता है। कानपुर-आगरा हाईवे हो या कानपुर लखनऊ हाईवे की टोल कंपनी हो, सभी ने ओवरलोडिंग की वजह से सड़क खराब होने को मुद्दा बनाया है। ओवरलोडिंग की वजह से सड़कें जल्दी जर्जर हो जाती हैं और कंपनी को बार-बार इसे दुरुस्त करना पड़ता है।