नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा यानी नीट उर्दू भाषा में क्यों न हो। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, एमसीआई, डीसीआई, सीबीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें कि ये परीक्षा हिंदी, इंग्लिश, गुजराती, मराठी, उड़िया, बंगला, असमी, तेलगु, तमिल और कन्नड़ भाषा में होती है।
दरअसल नीट की परीक्षा उर्दू में कराने के लिए याचिका दी गई थी उस समय मेडिकल काउंसिल और सीबीएससी की ओर से कहा गया था कि अभी तक किसी भी राज्य ने ऐसी मांग नहीं की है इसलिए इस पर विचार नहीं किया गया है लेकिन आज इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि महाराष्ट्र और तेलंगाना की ओर से नीट को उर्दू में कराने की मांग की गई है और कुछ राज्य भी आगे मांग कर सकते हैं।
उसने कहा कि एमसीआई ने कहा था कि अगर कोई राज्य ऐसी मांग करता है तो वह इस पर विचार करेगा। इसी मामले में कोर्ट ने आज सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आपको बात दें कि पिछले साल ही केंद्र सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बड़ी राहत देते हुए पूरे देश में एक ही परीक्षा कराने का फैसला किया था।
जिसका उस समय काफी विरोध किया गया था लेकिन बाद में इस फैसले पर कोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। उसके बाद इस परीक्षा को दो चरणों में कराया गया था. एक ही परीक्षा हो जाने से अब छात्रों को फॉर्म भरने का अलग पैसा नहीं देना पड़ेगा और समय की भी बचत होगी।