नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में अल्पसंख्यक और संसदीय मामले राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जीतेंद्र सिंह को अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर अर्पण करने के लिए दी। इस अवसर पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर, विश्व-भर में उनके अनुयायियों को शुभकामनाएं और बधाई। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती, भारत की महान आध्यात्मिक परम्परा के प्रतीक हैं। गरीब नवाज़ ने मानवता की सेवा का जो परिचय दिया है, वह निश्चय ही आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। आने वाले उर्स के सफल आयोजन के लिए मेरी शुभकामनाएं।
ख्वाजा की दरगाह भारत ही नहीं पूरे विश्व में हर जाति, धर्म-मजहब, क्षेत्र-सूबे के लोगों को इंसानियत व धार्मिक सदभावना का पैगाम देता है। साथ ही यह सबक देती है कि सिर्फ दुआ ही नहीं, दया व करुणा भी धर्म व मानवता के रक्षक हैं। खास बात यह भी है कि ख्वाजा पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। ख्वाजा के दर पर पहुंचे किसी भी मज़हब के जायरीन के ज़ेहन में सिर्फ अकीदा ही बाकी रह जाता है।
दिल की सदा सुनते हैं गरीब नवाज़
अजमेर में सूफी संत गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की जीवंत मिसाल है। इसके प्रति सभी धर्म के अनुयायियों में आस्था देखी जाती है। इस्लाम धर्मावलंबियों के लिए मक्का के बाद सबसे बड़े तीर्थस्थल के रूप में ख्वाजा साहब या ख्वाजा शरीफ अजमेर का दूसरा स्थान है। लिहाजा यह भारत का मक्का कहलाता है। भारत में दरगाह अजमेर शरीफ ऐसा पाक स्थल है, जिसका नाम सुनते ही जायरीनों को रूहानी सुकून मिल जाता है। ख्वाजा की पूरी जिंदगी इनसानियत, खासकर गरीबों की भलाई को समर्पित रही, गरीबों के प्रति दया, करुणा व समर्पण भाव रखने से वह गरीब नवाज कहलाये. कहते हैं, ख्वाजा हर दुआ कुबूल करते हैं।