नई दिल्ली। कैप्टन अमरिंदर सिंह की नेतृत्व वाली पंजाब की नई सरकार सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया है। सरकार ने शनिवार को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में फैसला किया कि उनके आधिकारिक वाहनों से लाल, पीली और नीली बत्ती हटाने का फैसला किया है। राज्य कैबिनेट की पहली बैठक का नेतृत्व कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया। बैठक के दौरान निर्विरोध उनके आधिकारिक वाहनों से बत्तियां हटाने के फैसले को स्वीकार कर लिया गया।
बैठक के खत्म होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘मेरी कैबिनेट ने राज्य से वीआईपी कल्चर खत्म करने का फैसला किया है। मंत्रियों, विधायकों और ब्यूरोक्रेट्स के वाहनों से ये बत्तियां हटा दी जाएंगी।’
कैबिनेट ने इसके साथ ही नई एक्साइज नीतियों को भी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राज्य में शराब के ठेकों की संख्या में कमी की गई है। राज्य कैबिनेट ने एल1ए लाइसेंस भी खत्म कर दिया है। राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने कैबिनेट बैठक के लिए 150 प्वाइंट्स का एजेंडा तैयार किया है। मनप्रीत बादल ने कहा, ‘बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि पंजाब में नए लोकपाल बिल को पास किया जाएगा। यह बिल सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के प्रस्ताव से ज्यादा प्रभावित होगा।’
पंजाब सरकार ने हलका इंचार्ज सिस्टम को खत्म कर दिया है और फैसला किया गया है कि पुलिस कर्मचारियों के ड्यूटी के घंटे तय किए जाएंगे। पंजाब कैबिनेट ने यह भी फैसला किया है कि महिलाओं के लिए सभी सरकारी नौकरियों और कॉन्ट्रेक्ट वाली नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। कैबिनेट की एक सब कमेटी बनाने का फैसला लिया गया है, जो कि किसानों की लोन पर रिपोर्ट बनाएगी और वह 60 दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा कराएगी। किसानों के मुद्दे पर बात करते हुए मनप्रीत बादल ने यह भी खुलासा किया कि राज्य कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला हुआ है कि बैंकों को किसानों की संपत्ति को नीलामी की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
कांग्रेस सरकार की कैबिनेट बैठक में यह भी फैसला किया गया है कि ड्रग्स से जुड़े अपराधों के साथ निपटने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी। सीनियर आईपीएस अधिकारी हरप्रीत सिद्धू इस एसटीएफ को हेड करेंगे।