नई दिल्ली। सेशन कोर्ट ने एक शख्स को रेप और धमकी देने के आरोप से बरी कर दिया। कहा, "महिला यह समझने के लिए काफी मेच्योर थी कि वह क्या कर रही है।" शख्स पर दिल्ली की रहने वाली 30 साल की एक डॉक्टर से रेप करने और उसे धमकाने का आरोप था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक एडिशनल सेशन जज संजीव जैन ने कहा, "तथ्यों और हालात पर गौर से यह पता चलता है कि दोनों के बीच फिजिकल रिलेशन रजामंदी से बने। महिला ने इसके लिए अपनी सहमति दी थी।
वह काफी मेच्योर थी और उसे पूरी तरह यह मालूम था कि वह क्या कर रही है। विक्टिम एक सरकारी हॉस्पिटल में दांतों की डॉक्टर है। कोर्ट ने कहा, "महिला एक बार अबॉर्शन करा चुकी थी। जब वह दोबारा प्रेग्नेंट हुई, तो उसे मालूम पड़ा कि दूसरी बार अबॉर्शन कराना उसकी सेहत के लिए ठीक नहीं होगा।
आरोपी की मां शादी के खिलाफ थी
जज ने कहा, "दोनों मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए मिले थे। उनके रिलेशन को महिला की फैमिली ने मंजूरी दे दी थी, हालांकि आरोपी की मां इसके लिए तैयार नहीं थीं। महिला शादी को लेकर ज्यादा इंटरेस्टेड थी। उसे यह भी मालूम था कि उसकी आरोपी से शादी नहीं हो सकती क्योंकि उसकी मां तैयार नहीं थी।
इस मामले में कोई फ्रॉड नहीं
कोर्ट ने कहा, "शादी पर जोर दिए बिना ही महिला फिजिकल रिलेशन के लिए तैयार हो गई और प्रेग्नेंट भी हुई। दोनों के बीच हुए मैसेज और चैट्स को देखने से यह पता चलता है कि सेक्शुअल इंटरकोर्स से पहले कोई फ्रॉड नहीं हुआ। महिला कोई ऐसा सबूत नहीं पेश कर पाई जिससे लगे कि वह फीजिकल रिलेशन और इसके असर को समझने के काबिल नहीं थी, उसकी रजामंदी सोच-समझकर लिया गया फैसला था।
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक आरोपी फरमान खालिद ने शादी के लिए साउथ-ईस्ट दिल्ली की रहने वाली महिला से 2010 में मुलाकात की थी। इस मामले में कम्प्लेंट जून 2011 में दर्ज की गई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि अप्रैल 2011 में उसे प्रेग्नेंसी का पता चला, लेकिन आरोपी ने उससे कहा कि अगर वह अबॉर्शन करा लेगी तो वह उससे शादी कर लेगा। बाद में वह मई में दोबारा प्रेग्नेंट हुई, तब आरोपी ने उसे रिलेशनशिप खत्म करने की धमकी दी। सुनवाई के दौरान आरोपी ने दावा किया कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है क्योंकि शादी से इनकार करने के बाद महिला उसके परिवार से बदला लेना चाहती थी।