भोपाल में पुलिस बस ने सिंगरौली की RGPV छात्रा को कुचला, मौत

Bhopal Samachar
भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल में एक पुलिस बस ने ना केवल आरजीपीवी छात्रा को कुचलकर मार डाला बल्कि उसे गंभीर हालत में खून से लथपथ छोड़कर पुलिस बस भाग गई। छात्रा के साथ 2 अन्य साथी भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मृत छात्रा एनटीपीसी अधिकारी की बेटी है। 

सिंगरौली निवासी 19 वर्षीय अंजना नायक यहां सोनागिरी स्थित गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। वह आरजीपीवी में बीई प्रथम वर्ष की छात्रा थी। साथ में दोस्त सौरभ चोरवार और राहुल प्रसाद भी थे। बाइक राहुल चला रहा था। तीनों चेतक ब्रिज पर पहुंचे। तभी पीछे से आ रही सफेद रंग की बस ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि अंजना बाइक से फुटपाथ पर जा गिरी, जबकि राहुल और सौरभ सड़क पर ही गिर गए। अंजना के सिर में गंभीर चोट आई। 108 एंबुलेंस से तीनों को पास के ही अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने अंजना को मृत घोषित कर दिया।

भाई की तबीयत बिगड़ी 
अंजना सेे भाई विनीत की आखिरी मुलाकात बुधवार सुबह हुई थी। इसके बाद अंजना अपने साथियों के साथ कोचिंग के लिए रवाना हो गई। गुरुवार को दोस्तों ने फोन कर हादसे की सूचना दी। विनीत अस्पताल पहुंचे तो अंजना का शव ही मिला। बहन का शव देखने के बाद से ही विनीत की तबीयत बिगड़ गई।

बेटी के लिए खरीदा था मकान
अंजना के पिता सिंगरौली स्थित एनटीपीसी में अधिकारी हैं। उन्होंने हाल ही में बेटी के लिए सोनागिरी में एक मकान खरीदा था। अंजना का बड़ा भाई विनीत दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। दो दिन पहले ही वह भोपाल आया था। कुछ दिनों बाद अंजना भी हॉस्टल से इसी मकान में शिफ्ट होने वाली थी।

रात तक पुलिस नहीं ढूंढ़ पाई
गोविंदपुरा टीआई डीएस चौहान के मुताबिक आरोपी बस ड्राइवर की तलाश में सिटी सर्विलांस के जरिए चेतक ब्रिज को आने वाली सड़कों पर लगे सीसीटीवी फुटेज देखे गए। हादसे के समय पर सफेद रंग की तीन बसें चेतक ब्रिज से गुजरती नजर आ रही हैं। इनमें जिला पुलिस और सीआरपीएफ की बसें हैं। लेकिन पुलिस अब तक पता नहीं लगा पाई है कि कुचलकर भागने वाली बस कौन सी है। 

सफेद रंग की बस पर लिखा था मप्र पुलिस
हादसे में बालाघाट निवासी सौरभ के चेहरे और पैर में चोट है। वह यहां हॉस्टल में रहकर बीई की पढ़ाई कर रहा है। अस्पताल में भर्ती सौरभ ने बताया कि बस भेल दशहरा मैदान के सामने से हीे पीछे चल रही थी। चेतक ब्रिज पर ड्राइवर ने बस को बायीं ओर मोड़ दिया, इससे हमारी बाइक टकरा गई। सफेद रंग की इस बस पर मप्र पुलिस लिखा था। पीले रंग की नंबर प्लेट वाली इस बस का नंबर भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था।

पुलिस ही मरने के लिए छोड़ गई
सुना था पुलिस जान बचाती है, लेकिन यहां तो पुलिस ही मरने के लिए छोड़ गई। चेतक ब्रिज पर जब बस ने पीछे से टक्कर मारी तो कुछ समझ नहीं आया। मेरे दोस्त अंजना के सिर से बहुत खून बह रहा था, सौरभ भी घायल था। हमें लगा कि पुलिस की गाड़ी से टक्कर लगी है, ये लोग हमें कम से कम अस्पताल तो पहुंचा देंगे, लेकिन बहुत तकलीफ हुई जब वो लोग हमें मरता छोड़ भाग गए। घायल छात्र राहुल प्रसाद

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