पश्चिम बंगाल में RSS के 125 स्कूलों को मान्यता समाप्ति के नोटिस

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े विद्याभारती के स्कूलों को निशाना बनाए जाने को लेकर ममता सरकार व आरएसएस में ठन गई है। राज्य सरकार ने कथित रूप से धार्मिक असहिष्णुता का पाठ पढ़ाने और इसे बढ़ावा देने के आरोप में हाल में करीब 125 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इन स्कूलों का लाइसेंस रद करने की भी चेतावनी दी गई है। साथ ही इन स्कूलों को अपने पाठ्यक्रम की सूची शिक्षा विभाग को सौंपने को कहा गया है ताकि उसकी समीक्षा की जा सके।

इसके बाद से ममता सरकार आरएसएस व भाजपा नेताओं के निशाने पर है। आरएसएस का कहना है कि राज्य सरकार को इन स्कूलों के बदले प्रदेश में तेजी से बढ़ते मदरसों और ईसाई स्कूलों पर अंकुश लगाना चाहिए।

आरएसएस के राज्य प्रवक्ता जिष्णु बोस ने कहा कि पूर्व में वाममोर्चा सरकार ने भी इन स्कूलों की स्थापना का विरोध किया था। तृणमूल सरकार भी उसी राह पर चल रही है। यह सरकार पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने का प्रयास कर रही है।

बोस ने दावा करते हुए कहा कि अक्टूबर, 2014 में बर्द्धमान में हुए विस्फोट के बाद एनआइए ने राज्य में साढ़े 10 हजार अवैध मदरसों को बंद करा दिया था। इन मदरसों में जिहाद का पाठ पढ़ाया जाता था। इसके बावजूद राज्य सरकार नहीं चेती है। उल्टे वोट बैंक की खातिर मदरसों की आर्थिक मदद कर बढ़ावा दे रही है।

प्रदेश भाजपा भी ममता सरकार के इस रवैए की लगातार आलोचना कर रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सवाल किया कि सरकार इन स्कूलों को नोटिस कैसे भेज सकती है? तमाम स्कूल सरकार की अनुमति से ही चल रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार राज्य में संघ परिवार व भाजपा की बढ़ती गतिविधियों से डर गई है, इसलिए अंकुश लगाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है।

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