नई दिल्ली। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चयन को लेकर सामने आ रही भूमिका पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से सफाई दी गई है। आरएसएस के संयुक्त महासचिव भगैया ने कहा कि यह एक राजनीतिक फैसला है, इसमें आरएसएस की ओर से कोई दबाव नहीं डाला गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों के चयन का फैसला पूरी तरह बीजेपी का होता है।
आरएसएस का दखल नहीं
उत्तराखंड में भी संघ के प्रचारक त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आरएसएस प्रचारक थे। उन्होंने आरएसएस संगठन का काम करता है। मुख्यमंत्रियों के चयन की भूमिका बीजेपी की होती है। आरएसएस का उसमें कोई दखल नहीं है।
BJP ने दिया सरप्राइज
संत से राजनेता बने योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का कट्टर नेता माना जाता है। शनिवार को लंबे इंतजार के बाद बीजेपी ने तमाम दावेदारों को दरकिनार करते हुए योगी को मुख्यमंत्री बनाया था। हर किसी को लिए यह हैरानी की बात थी। बीजेपी के इस फैसले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का दबाव माना जा रहा है। हालांकि अब आरएसएस ने इससे इनकार किया है।
बता दें कि इस बात की चर्चा तेज थी कि मोहन बागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके वचन लिया था और फिर उनसे योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा। जिसके बाद मोदी ने अमित शाह को फोन करके योगी को दिल्ली बुलाने को कहा।