नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि मौखिक रूप से भी आरटीआई आवेदन किए जा सकते हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम में इसका प्रावधान है। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत आरटीआई आवेदन लिखित में किया नहीं जा सकता है।
लिखित की जगह मौखिक रूप से आवेदन करने वाले लोगों की केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) या राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआइओ) हर उचित सहायता करेंगे। मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार ने ब्रेल लिपि (नेत्रहीनों के लिखने-पढ़ने की विधि) में आरटीआई आवेदन स्वीकारने और जवाब मुहैया कराने के लिए कोई कदम उठाया है।
मानवाधिकार के लिए काम वाले वेंकटेश नायक का कहना है कि पारदर्शिता के लिए बनाए गए इस कानून में नागरिकों को मौखिक रूप से आवेदन करने की व्यवस्था है। हालांकि इस तरह के मामलों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों में नोडल विभाग अभी तक नियमों के साथ सामने नहीं आए हैं।
मौखिक रूप से आरटीआई आवेदन दाखिल होने के बाद सीपीआइओ या एसपीआइओ के लिए कानूनन यह अनिवार्य हो जाता है कि वे गंभीर रूप से दिव्यांगों को सूचना पाने में सभी तरह की मदद करें।