भोपाल। सागर के कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव पर भ्रष्ट आचरण के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री भार्गव ने नर्मदा किनारे सरकारी खर्च पर बने सामुदायिक भवन, सार्वजनिक घाट एवं स्वागत द्वार का नामकरण अपने नाम पर करवा डाला। यह निर्माण नरसिंहपुर जिले में हुआ है, लेकिन यहां सागर जिले के लोग नर्मदा स्नान के लिए पहुंचते हैं। भाजपाई दिमाग यह तर्क दे सकता है कि 'गोपाल' तो भगवान कृष्ण का नाम है, लेकिन सवाल यह है कि नर्मदा किनारे भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर भवन, घाट और स्वागत द्वार की क्या आवश्यकता। वो भी तब जब इलाके में प्रभावशाली मंत्री का नाम भी गोपाल हो। वो तो शुक्र है नर्मदा नदी में सफाई अभियान के बाद उसका नाम नहीं बदला गया।
जानकारी के मुताबिक नरसिंहपुर जिला अंतर्गत नर्मदा के प्रसिद्ध घाट बरमान में सामुदायिक भवन, घाट, स्वागत द्वार और सड़क का निर्माण किया गया है। इन निर्माण कार्यों में लगभग 89 लाख रुपए का सरकारी खर्च किया गया। मंत्री गोपाल भार्गव के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आरईएस के माध्यम से सामुदायिक भवन 50 लाख रुपए, घाट निर्माण 25 लाख रुपए, स्वागत द्वार निर्माण 1.5 लाख रुपए और 12.5 लाख रुपए के व्यय पर सड़क का निर्माण कराया गया।
आश्चर्य का विषय है कि सरकारी खर्च पर कराए गए इन निर्माण कार्यों का नाम स्वयं मंत्री गोपाल भार्गव के नाम पर दिया गया। इसके पश्चात अब इनका नाम गोपाल सामुदायिक भवन, गोपाल घाट और गोपाल द्वार हो गया है। संभवत: देश-प्रदेश में यह पहला मामला है जब किसी मंत्री ने पद पर रहते हुए सरकारी राशि से हुए निर्माण कार्यों का नामकरण स्वयं के नाम पर करा लिया हो।