
विखे पाटिल ने कहा, "महाराष्ट्र के लोग पूरी तरह से कृषि ऋण माफी की मांग कर रहे हैं और पिछले कुछ दिनों में यह मुद्दा विधानसभा में बार-बार उठाया गया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने आश्वासन दिया है कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में अरुंधति भट्टाचार्य का बयान किसानों के जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा है। अरुंधति ने कहा था कि किसानों का ऋण माफ किए जाने से साख अनुशासन बिगड़ेगा और भविष्य में भी लोग कर्ज माफी की उम्मीद लगाए रहेंगे। यानी भविष्य में भी वे कर्ज नहीं चुकाएंगे।
विखे पाटिल ने कहा कि एसबीआई की प्रमुख एक 'सरकारी कर्मचारी' हैं, ना कि राज्य या देश की 'नीति निर्माता' हैं। उन्होंने कहा कि अरुंधति भट्टाचार्य का बयान उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। किसानों का ऋण माफ करने का फैसला विधायिका लेगी। अरुंधति ने किसान कर्ज माफी के खिलाफ बयान देकर महाराष्ट्र विधानसभा का अपमान किया है, इसलिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे आगे का कदम उठाएं।