भोपाल। यदि किसी स्कूल बस में एक छात्रा भी है तो उसमें शिक्षक की मौजूदगी अनिवार्य होगी। स्कूल बसों में लगातार बढ़ रही छेड़-छाड़ की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। शुक्रवार को अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान स्कूल शिक्षामंत्री विजय शाह ने यह घोषणा की है।वहीं सुरक्षा के मद्देनजर अब वह वाहन पेट्रोल-डीजल पंप पर नहीं जा सकेंगे, जिनमें बच्चे सवार हों। यदि ऐसा हुआ तो पेट्रोल पंप और वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि नियमों का पालन न करने वाले स्कूल वाहनों के परमिट निरस्त कराए जाएंगे। वहीं मंत्री ने अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि पर विचार करने का भरोसा दिलाया। मंत्री ने कहा कि सरकार को स्कूली विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। इसके लिए निजी मेडिकल कॉलेजों से सहयोग मांगा गया है।
ध्वजारोहण अनिवार्य करने पर तकरार
अनुदान मांगों की चर्चा के दौरान जब मंत्री ने कहा कि मैंने पहली बार स्कूलों में ध्वजारोहण अनिवार्य किया है। इस पर जीतू पटवारी ने आपत्ति ली। उन्होंने कहा-पहले भी होता था।
5वीं-8वीं को बोर्ड करने पर जोर
सदन में मौजूद सत्तापक्ष और विपक्ष के ज्यादातर विधायकों ने 5वीं और 8वीं परीक्षा को फिर से बोर्ड करने की मांग उठाई। निर्दलीय विधायक दिनेश राय ने कहा कि सरकारी नीतियों की कमी है, तभी निजी स्कूल फलफूल रहे हैं। बलवीर दंडोतिया ने कहा कि सरकारी स्कूलों में मंत्री,विधायक,अफसरों के बच्चे पढ़ने लगें तो स्थिति सुधर जाएगी। यशपाल सिसोदिया ने कहा कि आरटीई के तहत एडमिशन में विधायकों की अनुशंसा ली जाए। विधायकों ने अतिथि शिक्षकों को नई भर्ती में प्राथमिकता देने और अध्यापकों को सातवां वेतनमान देने की भी बात उठाई।
ये घोषणाएं भी
520 हाईस्कूल, 240 हायर सेकेंडरी नए स्कूल
जितने ब्लॉकों में उत्कृष्ट विद्यालय हैं, वहां सामान्य हाईस्कूल खोलेंगे।
ब्लॉक उत्कृष्ट स्कूलों में कम अंक वाले विद्यार्थियों को एडमिशन देंगे।
पांच साल में सभी सरकारी स्कूलों में फर्नीचर देंगे। बच्चों को टाटपट्टी पर नहीं बैठने देंगे। मिडिल स्कूलों के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया।
शिक्षकों के लिए पचमढ़ी और खंडवा में प्रशिक्षण केंद्र खोले जा रहे हैं।
स्कूलों में शिक्षकों को खाना नहीं बनाना पड़ेगा। ये काम टेंडर से करेंगे।
विद्यार्थियों को एनजीओ या अन्य माध्यम से ड्रेस सिलवाकर बांटेंगे।
दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए संभाग स्तर पर छात्रावास खोले जा रहे हैं।
विदेशों जैसी चलित वेधशाला ला रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को खगोल शास्त्र की शिक्षा दी जाएगी।
खंडवा-बैतूल में छोटे स्कूलों को मर्ज कर बड़े स्कूल चलाने की योजना पायलट आधार पर शुरू कर रहे हैं।
निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगा कानून।
नि:शुल्क किताबें जिल्द चढ़ाकर दी जाएगी। ताकि दो साल चलें।
महिला पंडित तैयार करेंगे, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का ज्ञान देने पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।