भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायक पारुल साहू केशरी ने एक बुजुर्ग विधवा महिला के साथ एसडीएम द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने और बाद में उस महिला की हत्या हो जाने का मुद्दा उठाते हुए सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य को घेर लिया।
मंत्री आर्य ने संबंधित अधिकारी को हटा कर मामले की जांच का आश्वासन दिया, जिस पर महिला विधायक ने मंत्री को उस अधिकारी को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरित करवाने का परामर्श दे दिया। शून्यकाल के दौरान सुरखी विधायक केशरी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के जैसीनगर में एक विधवा महिला किसान का आवेदन एसडीएम द्वारा फेंक दिए जाने और दोबारा आवेदन दिए जाने की स्थिति में उसे जेल में डालने की धमकी देने का मुद्दा उठाते हुए सरकार से इस बारे में जानकारी चाही। उन्होंने कहा कि महिला की हत्या हो चुकी है और अब उसे मृत्यु के बाद भी इंसाफ मिल पाएगा या नहीं।
इस पर मंत्री आर्य ने इसे पारिवारिक संपत्ति विवाद बताते हुए कहा कि हत्या के मामले में दो लोग जेल में हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास एक वीडियो है, जिसमें बुजुर्ग महिला प्रशासन का आभार व्यक्त कर रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट केशरी ने इसे महिलाओं से जोड़ते हुए मांग की कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस करीब है और इस मौके पर मंत्री संबंधित एसडीएम को निलंबित कर दें। इस पर मंत्री श्री अार्य ने कहा कि वे एसडीएम को वहां से हटा कर मामले की जांच कराएंगे।
इसके बाद भी अपनी मांग पर अड़ीं प्रश्नकर्ता विधायक केशरी ने कहा कि मंत्री ऐसे अधिकारी को अपनी विधानसभा में स्थानांतरित कर लें, ताकि अगली बार जब वह अधिकारी किसी बुजुर्ग महिला से अभद्र व्यवहार करे, तो मंत्री स्वयं ही जवाब दें। महिला विधायक की बेबाकी से सदन में शोर-शराबे की स्थिति बन गई, लेकिन अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने यह कहते हुए कार्यवाही आगे बढ़वाई कि मंत्री अधिकारी को हटा कर जांच कराने की बात कह रहे हैं और मामला यहीं समाप्त हो जाना चाहिए।
मीडिया से बोलीं विधायक
केशरी ने बताया कि महिला किसान शारदा दांगी का परिजनों के साथ एक कुएं को लेकर विवाद था, जिससे जुड़े दस्तावेजों में पटवारी द्वारा छेड़छाड़ किए जाने को लेकर महिला एसडीएम के पास गई थी। महिला के आवेदन पर प्रशासन ने उसकी कोई मदद नहीं की, बल्कि उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। महिला की कुछ दिन बाद उसके परिजन ने हत्या कर दी और वे इस जघन्य हत्या का कारण बने अधिकारियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही के बारे में सरकार से जवाब मांग रही थीं।