भोपाल। क्या हिंदू रीतिरिवाज से होने वाला कोई विवाह बिना मंगलसूत्र के पूर्ण माना जा सकता है परंतु शिवराज सिंह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'कन्यादान' के तहत बैतूल में बिना मंगलसूत्र के सामूहिक विवाह करा दिए गए। सरकारी योजना के तहत विवाह करने आए जोड़े भी चुप रहे परंतु सवाल तो उठता ही रहा।जोड़ों के परिजनों ने अधिकारियों से शिकायत की तब भी उन्हें केवल मंगलसूत्र देने का आश्वासन दिया गया। जोड़ों के परिजन मंगलसूत्र के लिए परेशान होते दिखे। इसके बाद सरकारी सामूहिक विवाह में आए दूल्हों को बगैर मंगलसूत्र पहनाए ही अपनी दुल्हनों को ले जाना पड़ा।
बगैर मंगलसूत्र पहने दुल्हन ये मानने को तैयार नहीं थीं कि उनका विवाह हो गया। अधिकारियों को कई बार याद दिलाने के बावजूद केवल आश्वासन मिलते रहे लेकिन सुहाग की निशानी मंगलसूत्र आखिर नहीं मिला। बिना मंगलसूत्र दिए वर-वधू को विदाई भी दे दी गई।
छिंदवाड़ा से शादी के लिए आए दूल्हे ने सुनील सरेयाम ने कहा कि बिना मंगलसूत्र के कैसी शादी। यह तो जरूरी है। हालांकि प्रशासन अपनी इस गलती को मानने को तैयार नहीं दिखा। सामूहिक विवाह का यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कराया गया था।