नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर सवालिया निशान लगाने वाले अजमेर दरगाह ब्लास्ट केस में आरएसएस नेता स्वामी असीमानंद एवं चंद्रशेखर को कोर्ट ने दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है जबकि मप्र निवासी संघ प्रचारक सुनील जोशी समेत 3 लोगों को अपराधी माना है। बता दें कि प्रचारक सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। उसकी हत्या के आरोप में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भी बरी किया जा चुका है।
2007 में हुए अजमेर ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट ने स्वामी असीमानंद को बरी कर दिया गया है। जबकि तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है लेकिन अभी सजा का ऐलान नहीं हुआ है। इस मामले में कुल 9 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। जिन लोगों को दोषी पाया गया है उसमें देवास मप्र निवासी संघ प्रचारक सुनील जोशी, भावेश और देवेंद्र गुप्ता का नाम शामिल है। सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। वहीं जिन लोगों को बरी किया गया है उसमें स्वामी असीमानंद के अलावा चंद्रशेखर का नाम शामिल है।
यह ब्लास्ट अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह पर हुआ था। यह हमला 11 अक्टूबर 2007 को हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। वहीं 17 लोग जख्मी हुए थे। 2011 में केस को NIA को सौंप दिया गया था। उससे पहले 2007 तक सिर्फ दो FIR रजिस्टर की गई थी। असीमानंद के अलावा इस केस में देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवी, मुकेश वासनी, भारत मोहन रतेशवर, लोकेश शर्मा और हर्षद सोलंकी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।