यहां समझिए, UP में मुस्लिम सीटों पर BJP की जीत के मायने क्या हैं

Bhopal Samachar
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 3 चौथाई से भी ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी की जीत में सबसे बड़ी बात ये रही कि पार्टी ने उन जिलों में भी जीत दर्ज की, जहां 60 फीसदी मुस्लिम आबादी है। 11 जिलों में 40%, 5 जिलों में 30% और 10 जिलों में 20% मुस्लिम आबादी है। पश्चिमी यूपी के 11 जिलों में 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम हैं, फिर भी वहां बीजेपी आगे रही। पाॅलिटिकल एक्सपर्ट योगेश श्रीवास्तव का कहना है- बीजेपी को इतने बड़े स्तर पर जिताने में मुस्लिमों का वोट काफी अहम रहा। 

ट्रिपल तलाक मुद्दे पर पार्टी मुस्लिम महिलाओं के मन में जगह बनाने में कामयाब हुई। पार्टी ने खुलेआम मुस्लिम महिलओं के दर्द को समझाकर अपना स्टैंड क्लीयर रखा। इसका फायदा भी मिला। बीजेपी को हमेशा से शियाओं का वोट मिलता रहा है। इस बार पूरी तरह से एकजुट होकर पार्टी को वोट देने वालों में मुस्लिम महिलाओं की संख्या ज्यादा रही।

मुस्ल‍िम कैंड‍िडेट न उतारना
पाॅलिटिकल एक्सपर्ट वरिष्ठ पत्रकार योगेश त्रिपाठी का कहना है- मुस्ल‍िम का बीजेपी के साथ आने के पीछे सबसे बड़ा कारण किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं देना। सभी पार्टियों ने अपने मुस्लिम कैंडिडेट उतारे, तो मुस्लिम बहुल इलाकों के 25 से 40 फीसदी हिंदूओं ने एकजुट होकर बीजेपी को वोट किया। जैसे किसी सीट पर अगर 40 फीसदी भी मुस्लिम हैं, तो वहां सारी पार्टियों ने मुस्लिमों को उतारा है, लेकिन बीजेपी ने हिंदू को ही प्रत्याशी बनाया और हिंदू वोटर यूनाइट हो गया। गोंडा में 32 फीसदी मुस्लिम। कुल 7 सीट, सातों पर बीजेपी जीती। आजमगढ़ में 38 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 10, बीजेपी ने एक सीट जीती। अंबेडकर नगर में 20 फीसदी मुस्लिम। कुल 5 सीट, 2 पर जीती बीजेपी। फैजाबाद में 30 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 5, पांचों पर बीजेपी जीती। मऊ में 43 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 4, बीजेपी ने 3 सीट जीती। बलरामपुर में 40 फीसदी मुस्लिम। कुल 4 सीट, चारों पर बीजेपी। गाजीपुर में 30 फीसदी मुस्लिम। कुल 7 सीट, बीजेपी ने 5 पर दर्ज की जीत। बहराइच में 20 फीसदी मुस्लिम। कुल 7 सीट, 6 सीटों पर बीजेपी जीती।

कामयाब नहीं रहा विपक्ष
सीनियर जर्नलिस्ट और पाॅलिटिकल एक्सपर्ट आदित्य सिंह का कहना है- मुस्लिमों की सीटों पर भी हिंदू को जीत मिलना बड़ी बात है। लेकिन उसका कारण भी कहीं न कहीं विपक्ष ने ही दिया है। विपक्ष इस बार मुस्लिमों में नरेंद्र मोदी का डर बनाने में कामयाब नहीं हो पाया। इससे पढ़े-लिखे कुछ फीसदी मुस्लिम वोटरों में नरेंद्र मोदी के प्रति काम और विकास को लेकर अच्छी छवि बनीं रही और यूथ का वोट उन्हें मिला। एक कारण 2014 में सरकार बनने के बाद से नरेंद्र मोदी की किसी योजना में या पाॅलिसी में कुछ भी मुस्लिम विरोधी नहीं रहा। इससे मोदी को लेकर मुस्लिमों के अंदर का डर कम हो गया, फिर नोटबंदी करना अच्छा फैसला रहा।

पूर्वी यूपी का गणित 
गोरखपुर में 22 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 9, सभी पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। इलाहाबाद में 28 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 12, बीजेपी ने 8 पर जीत दर्ज की। जौनपुर में 22 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 9, बीजेपी ने 5 सीट जीतीं। औरैया में 28 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 3, तीनों पर बीजेपी। लखनऊ में 20 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 9, बीजेपी 8 पर जीती। सीतापुर में 20 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 9, बीजेपी 8 पर जीती।

क्या है पश्च‍िमी यूपी में मुस्ल‍िम वोट परसेंट 
बिजनौर में 67 फीसदी मुस्लिम हैं। कुल सीट 8, बीजेपी 6 पर जीती। गौतमबुद्धनगर में 65 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 3, तीनों पर बीजेपी जीती। अलीगढ़ में 42 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 7, सातों पर बीजेपी जीती। मुजफ्फरनगर में 49 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 6, पूरी बीजेपी ने जीती। प्रबुद्वनगर (शामली) में 42 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 7, बीजेपी को 4 पर मिली जीत। बरेली में 47 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 9, पूरी बीजेपी ने जीती। सहारनपुर में 42 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 7, BJP 4 पर जीती। ज्योतिबाफुले नगर (अमरोहा) में 40 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 3, बीजेपी को 2 पर मिली जीत। मेरठ में 37 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 7, जिसमें 6 पर जीती बीजेपी। मथुरा में 14 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 5, जिसमें 4 पर जीती बीजेपी। गाजियाबाद में 21 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 5, सभी बीजेपी ने जीती। आगरा में 20 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 5, पांचों पर बीजेपी। बागपत में 20 फीसदी मुस्लिम। कुल सीट 3, बीजेपी को 1 पर मिली जीत।

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