
इस दल ने 5 कालिदास मार्ग का गोरक्षमठ की देशी गायों से निकला 11 लीटर दूध से रुद्राभिषेक और हवन-पूजन किया। योगी आदित्यनाथ की गैर मौजूदगी में पूरे मंदिर का मैनेजमेंट देखने वाले द्वारिका तिवारी ने इसकी पुष्टि की। दिलचस्प बात यह है कि नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री आवास की पुरानी नेमप्लेट हटाकर नई नेमप्लेट बदल गई है, जिसमें योगी आदित्यनाथ की जगह आदित्यनाथ योगी, मुख्यमंत्री लिखा हुआ है।
वैसे भी पूजा-पाठ आदित्यनाथ योगी के जीवन का अहम हिस्सा है। गोरखपुर के मठ में भी उनके दिन की शुरुआत पूजा-पाठ से ही होती थी। यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे और मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का अब ठिकाना बदल चुका है। अब उन पर राज्य की जिम्मेदारी है।
ऐसे में आदित्यनाथ के करीबियों का कहना है कि अगर शुरुआत पूजा-पाठ से होगी तो कल्याण सबका होगा। गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ अब सिर्फ गोरखनाथ मठ के महंत ही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। इसके अलावा वे गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी हैं। यह शायद पहला मौका है, जब किसी धार्मिक स्थल का प्रमुख किसी राज्य का मुख्यमंत्री भी है।