पणजी। गोवा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी पर्रिकर के शपथ ग्रहण समारोह को हरी झंडी दे दी और निर्देश दिया है कि 16 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित किया जाए। गोवा में भाजपा की सरकार, निर्दलीय विधायकों और कुछ स्थानीय पार्टी की मदद से बनी है। इसमें गोवा फॉरवर्ड पार्टी से विधायक विजय सरदेसाई की पार्टी भी शामिल है।
बता दें कि ये वही विजय सरदेसाई हैं, जिसे पर्रिकर खुले आम फिक्सर कह कर सीधा हमला करते थे। लेकिन इन्हीं विजय की मदद से गोवा में भाजपा की सरकार बन रही है। इतना ही नहीं ये शर्त विजय की ही थी कि वो समर्थन तभी देंगे जब पर्रिकर सीएम बनेंगे।
गडकरी पहुंच गए थे गोवा
बता दें कि परिणाम आने के ठीक बाद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गोवा चले गए थे। वहां देर रात तक सरकार बनाने के लिए चर्चा हो रही थी। इस दौरान खुद विजय सरदेसाई आए और पूरी तस्वीर ही बदल गई। 3 सदस्यों वाली फॉरवर्ड पार्टी का समर्थन मिलने के साथ ही बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और एनसीपी के एकलौते विधायक के समर्थन के बाद बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों का इंतजाम कर लिया।
हाथ मलती रह गई कांग्रेस
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और राज्य के शीर्ष नेता पणजी के एक होटल में थे और पार्टी के विधायक दल के नेता चुनने पर विचार कर रहे थे। कांग्रेस को विजय सरदेसाई और कुछ अन्य निर्दलियों के जवाब का भी इंतजार था। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष एल फ्लेरियो, पूर्व सीएम दिगंबर कामत और प्रतापसिंह राणे विधायक दल के नेता चुने जाने की दौड़ में आगे थे। लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। दिग्विजय सिंह ने राज्य में सरकार नहीं बनाने की जिम्मेदारी लेते हुए सरदेसाई और निर्दलीय विधायक रोहन खुंटे पर कांग्रेस के साथ धोखा देने का आरोप लगा दिया।
बता दें कि गोवा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं और भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी और एमजीपी के 3-3 विधायक हैं, 3 विधायक निर्दलीय और एनसीपी का एक विधायक है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने भी राज्यपाल मृदुला सिन्हा से सरकार बनाने का दावा कर मिले थे।