
फेसबुक और वाट्सऐप के घंटों इस्तेमाल से एंजाइटी का खतरा
भारतीय जर्नल ऑक्युपेशन ऐंड इन्वाइरनमेंटल मेडिसिन में जनवरी में प्रकाशित इस शोध के नतीजे कहते हैं कि सोने के बीच भी लोग 4 बार अपने फोन चेक करते रहते हैं। डॉक्टर्स इसके लिए सिर्फ एक ही सुझाव देते हैं- वह है सोते वक्त अपने फोन और दूसरे डिवाइस को बंद रखना। डॉक्टर्स का कहना है कि सोने में खलल पड़ने या नींद कम आने से आप हृदय रोग और एंजायटी का शिकार हो सकते हैं।
2015 में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, गुड़गांव के एक निजी अस्पताल का कहना था कि हृदय रोग से पीड़ित 90 प्रतिशत युवा स्लिपिंग डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। शोधकर्ता और एनआईएमएचएएनएस के डॉक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि 58.5 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे वॉट्सऐप के कारण देर रात जगे रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद सबसे अधिक लोग फेसबुक (32.6 प्रतिशत) से प्रभावित हैं, जीमेल इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी 45.3 प्रतिशत है।’ शर्मा ने बताया कि शोध में शामिल हुए 60 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे मोबाइल फोन के साथ डेस्कटॉप, लैपटॉपऔर और टैबलेट इस्तेमाल करते हैं, जबकि 42 प्रतिशत ने माना कि वे इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए अपना काम बंद कर देते हैं। वहीं, श्री बालाजी मेडिकल साइंस ऐंड हॉस्पिटल के न्यूरोफिजिशियन डॉ सुरेश कुमार बताते हैं कि उनके पास ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है जिन्हें देर से नींद आती है।
सामान्यतः रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने की जगह लोग रात 3 बजे से सुबह 11 बजे तक सोए रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ वयस्कों के साथ नहीं है, बल्कि बच्चे भी रात 1 बजे सोते हैं।’