रीमा पाराशर/रोहित मिश्रा/दीपक शर्मा/नई दिल्ली। दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव दिलचस्प हो चुके हैं। ऐसा लग रहा है जैसे पार्टियां एमसीडी का चुनाव नहीं, बल्कि लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। मुकाबला दिलचस्प इस वजह से भी है कि पहली बार योगी आदित्य नाथ और केजरीवाल एक दूसरे के आमने सामने होंगे। यूपी की गद्दी संभालते ही बीजेपी के भीतर योगी आदित्यनाथ की ब्रैंड वेल्यू भी बढ़ने लगी है। अब बीजेपी को उम्मीद है कि योगी दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी पार्टी के लिए लकी साबित होंगे।
दिल्ली में दिखेगी 'योगी पावर'
एमसीडी चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने जो स्टार प्रचारकों की लिस्ट जो बनाई है उसमें नेता से लेकर खिलाड़ी और भोजपुरी सुपरस्टार तक को मैदान में उतार रही है। बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कई मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों के नाम हैं। दिग्गज कैबिनेट मंत्रियों में अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, विजय गोयल, निर्मला सीतारमन, राधामोहन सिंह भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्रियों में योगी के अलावा छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह भी प्रचार करेंगे। मोदी सरकार के मंत्रियों के अलावा कुछ बड़े खिलाड़ी जैसे पहलवान फोगाट बहनें गीता और बबीता, बॉक्सर विजेंद्र कुमार, शिखर धवन भी प्रचार कर सकते हैं जिसके लिए बीजेपी कोशिश कर रही है। पूर्वांचल के वोटरों को लुभाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ अभिनेता रवि किशन रंग जमाएंगे। साथ ही बिहार से आए दिल्ली में रहने वाले वोटरों का समर्थन जुटाने के लिए बीजेपी बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से प्रचार करा सकती है।
मोदी के गढ़ में भी गरजेंगे योगी
इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी यूपी के नए सीएम को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाने जा रही है. गुजरात में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं. गुजरात की स्थानीय मीडिया के मुताबिक राज्य की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष जीतू वाघनानी की अगुवाई में हुई हालिया पार्टी बैठक में पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई थी. मीटिंग में प्रचारकों की जो शुरुआती लिस्ट बनी है उसमें योगी आदित्यनाथ का नाम शामिल है.
अगले महीने एमसीडी की 'अग्निपरीक्षा'
बीजेपी इन एमसीडी चुनावों में जीत की हैट्रिक लगाने की उम्मीद कर रही है. हालांकि उसके लिए जीत की राह आसान नहीं है. मजबूत सत्ताविरोधी लहर से निपटने के लिए पार्टी ने किसी भी मौजूदा पार्षद को इस बार टिकट नहीं देने का फैसला किया है. दिल्ली के लोग 22 अप्रैल को पार्षद चुनने के लिए वोट डालेंगे और मतगणना 25 अप्रैल को होगी।