जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व संचालक स्वास्थ्य सेवाएं योगीराज शर्मा पर 2000 रुपए का जुर्माना ठोंक दिया। यह कदम जानबूझकर केस लंबा खीचे जाने के रवैये को लेकर उठाया गया।न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राजधानी भोपाल निवासी वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र आगल की ओर से अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आरटीआई के तहत भ्रष्टाचार को उजागर करने की मंशा से जानकारी मांगी गई थी। इसी वजह से योगीराज शर्मा श्री आगल से दुर्भावना रखने लगे। उन्होंने श्री आगल के साथ मारपीट कर दी। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने धारा-294, 506 आदि के तहत अपराध कायम किया।
लोक अदालत में दिखाई चालाकी
अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने दलील दी कि मारपीट का मुकदमा अदालत में विचाराधीन था। इस बीच योगीराज शर्मा की ओर से चालाकी बरतते हुए लोक अदालत के जरिए मुकदमा वापस करवा लिया गया। जब इसकी जानकारी लगी तो श्री आगल ने विरोध जताया। जिसके बाद अदालत में स्पेशल ट्रायल फिर से शुरू हो गई।
इसी स्पेशल ट्रायल को समाप्त कराने की मंशा से योगीराज शर्मा हाईकोर्ट की शरण में आ गए। उन्होंने पहले तो स्टे हासिल किया और उसके बाद से जानबूझकर समय ले-लेकर केस को लंबा खींचने पर आमादा हैं। इससे ट्रायल अटकी हुई है।