लखनऊ। यूपी की सत्ता संभालने के 16 दिन बाद योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें किसानों का 30729 करोड़ का कर्ज माफ किया गया। इस फैसले से राज्य के 2 करोड़ 15 लाख किसानों को लाभ होगा। सरकार ने 30729 करोड़ का कर्ज पूरी तरह से माफ किया है। इन किसानों पर अधिकतम एक लाख रुपये तक का कर्ज है। 7 लाख किसानों का लोन जो एनपीए बन गया है वो भी माफ किया गया है। इन 7 लाख किसानों पर तकरीबन 5630 करोड़ रुपये का एनपीए था। सरकार ने कुल मिलाकर 36 हजार 359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है।
बैठक के बाद सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में नौ अहम फैसले लिए गए हैं। गेहूं की बम्पर फसल हुई है, जिसे देखते हुए फैसला लिया गया। 5000 खरीद केंद्र खोले जाएंगे। 80 लाख मेट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। सभी डीएम को आदेश है कि किसानों की मांग के अनुरूप केंद्र खोले जाएं।1625 रूपये एमएसपी के अलावा 10 रुपये प्रति किन्वातल किसान को ढुलाई का खर्च मिलेगा।
साथ ही, ये भी कहा कि एंटी रोमियो दस्ता अच्छा काम कर रहा है। इस अभियान की प्रमाणिकता बढाई जानी है। अगर कोई कपल कहीं बैठे हैं तो उनसे आई कार्ड मांगना या जबरन पूछताछ करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले
पीएम मोदी ने जो वादा किया था उसके तहत किसानों की ऋण माफ़ी का प्रस्ताव पास किया गया।
अवैध पशु वधशाला में कुल 26 स्लाटर हाउस बंद किये गए हैं।
गाजीपुर में एक स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है।
यूपी में 86 लाख किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ।
यांत्रिक बूचड़खानों पर रोक।
किसानों को बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति।
योगी सरकार खरीदेगी 80 लाख मीट्रिक गेंहू।
5000 गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे। खुद सीएम इन्हें मॉनीटर करेंगे।
समर्थन मूल्य का पैसा सीधा किसानों के खाते में जाएगा, अब बिचौलिए नहीं रहेंगे।
एंटी रोमियो दस्ते पर फैसले में कहा गया कि ये दस्ता अच्छा काम कर रहा है। थाना स्तर पर दस्ता बनाया गया है। अधिकारियों से बात करके काम करता है। कपल को परेशान ना किये जाने की बात कही गई। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होगी।
आलू के किसानों को राहत दी जाएगी। आलू खरीद के लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई जाएगी।
रोजगार के लिए युवाओं के पलायन को रोका जाएगा। मंत्रियों का एक समूह अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीतियों को समझेगा, यहां पर सिंगल विंडो नीति का निर्माण होगा। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह बनेगा।
5630 करोड़ रुपये का कर्ज पूरी तरह माफ होगा।
30720 करोड़ रुपये का किसान कर्ज माफ।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा।
किसान राहत बॉन्ड का फैसला।
उत्तर प्रदेश में 2.33 करोड़ किसान हैं। इनमें 1.85 करोड़ सीमांत और लगभग तीस लाख लघु किसान हैं। इस हिसाब से सूबे में लघु व सीमांत किसानों की संख्या 2.15 करोड़ है। सीमांत किसान वे होते हैं जिनकी अधिकतम जोत एक हेक्टेयर तक होती है। वहीं लघु श्रेणी के किसान वे होते हैं जिनकी जोत एक से दो हेक्टेयर तक होती है। बता दें कि यूपी के करीब 1.50 करोड़ किसानों पर लगभग 62 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज है।