नई दिल्ली। लोग रक्तदान को महादान, देश की सबसे बड़ी सेवा और किसी की जिंदगी बचाने की कोशिश मानकर अपना खून दान करते रहे और यहां ब्लड बैंकों और अस्पतालों के मक्कर प्रबंधन ने पिछले 5 साल में 6 लाख लीटर खून बर्बाद कर दिया। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, पिछले पांच सालों में देशभर के बैंकों ने 28 लाख यूनिट खून व उसके तत्व को खराब कर दिया जो देश के ब्लड बैंक सिस्टम की खतरनाक खामियों को उजागर करता है।
अगर इसका लीटर और टैंकर में अनुमान लगाया जाए तो यह करीब छह लाख लीटर से ज्यादा यानी 53 टैंकर खून होता है। यह तब हो रहा है जब देश में हर जरूरत के अनुसार, 30 लाख यूनिट की कमी है। खबर के अनुसार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, और तमिलनाडु ऐसे राज्य में हैं जहां के ब्लड बैंकों में सबसे ज्यादा खून बर्बाद किया गया। इन राज्यों में सिर्फ खून बर्बाद नहीं किया गया बल्कि, रेड ब्लड सेल्स और रुधिर प्लाज्मा जैसे जीवन बचाने वाले तत्वों को एक्पायर होने से पहले इस्तेमाल नहीं किया गया।
केवल 2016-17 के बीच में ही 6.57 लाख यूनिट खून और रुधिर तत्व बर्बाद कर दिए गए। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बर्बाद हुए खून में करीब 50 फीसदी रुधिर प्लाज्मा है। जबकि प्लाज्मा साल तक लैब में खराब नहीं होता। कहा जा रहा है कि इसके इस्तेमाल की 35 दिन की डेडलाइन होती है। बर्बाद हुए खून पर यह जानकारी जब सामने आई जब चेतन कोठारी नाम के नागरिक ने एक आरटीआई के जरिए नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नैको) सूचना मांगी।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा रक्त इकट्ठा किया गया और यहां पश्चिम बंगाल और आंध्रपदेश के बाद सबसे ज्यादा खून बर्बाद हुआ। वहीं रेड ब्लड सेल्स बर्बाद करने के मामले में महाराष्ट्रा, यूपी, और कर्नाटक टॉप पर हैं। यूपी, कर्नाटक रुधिर प्लाज्मा यूनिट में बर्बाद करने में भी सबसे आगे रहे।