
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सर्विस डे के अवसर पर देश के सभी नौकरशाहों को एक साथ संबोधित करने के लिए इस तरह की व्यवस्थाएं कीं थीं। वो चाहते थे कि सभी अफसरों के बीच उनकी बात उन्हीं शब्दों में जाए जिसमें वो बयां कर रहे हैं। इसके बाद मौजूद अफसर उनकी बातों का निष्कर्ष निकालें और किस तरह से प्रधानमंत्री के निर्देशों का पालन किया जा सकता है यह तय करें।
परंतु मप्र में तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हॉल क्रमांक 506 में स्क्रीन पर मोदी का लाइव भाषण चलता रहा और कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। अजीब बात यह है कि इस अवसर पर वो अफसर भी उपस्थित नहीं थे जो गाहे बगाहे खुद को नरेंद्र मोदी से कनेक्ट बताने की कोशिश करते रहते हैं।