10 साल तक खुलेआम चला करोड़ों का अवैध उत्खनन, अधिकारी भी शामिल

Bhopal Samachar
राजेश शुक्ला/अनूपपुर। पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र में एक पत्थर की खदान में पूरे 10 साल तक अवैध रूप से उत्खनन चलता रहा। अधिकारियों ने अवैध खदान को लीज दस्तावेज देकर उसे लीगल दर्ज कर लिया और करोड़ों का उत्खनन होता रहा। सुश्री फरहत जहां, खनिज अधिकारी अनूपपुर ने अपनी पोस्टिंग के साथ ही मामले का खुलासा किया और पूरी रिपोर्ट संचालक खनिज विभाग, भोपाल को भेज दी। अब देखना यह है कि खनिज विभाग का मुख्यालय इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। 

पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम दोनिया में संचालित क्रेशर सरस्वती मिनरल्स द्वारा बीते 10 वर्षो बिना क्रेशर स्थापित किए ही खनिज विभाग से पत्थर उत्खनन करने के लिए ग्राम पंचायत दोनिया में लीज दे दी गई। जहां सरस्वती मिनरल्स द्वारा बिना क्रेशर के दोनिया ग्राम से करोड़ों का पत्थर का उत्खनन कर उसे छत्तीसगढ के गौरेला तहसील अंतर्गत ग्राम धनौली में लगे क्रेशर तक पहुंचाया। 

मामला उजागर होते ही सरस्वती मिनरल्स द्वारा वर्ष 2017 में लीज अवधि खत्म होने के तीन वर्ष बाद उसी जगह पर क्रेशर स्थापित कर अपने बचाव की तैयारी कर ली। उल्लेखनीय यह भी है कि सरस्वती मिनरल्स का न तो उद्योग विभाग में पंजीयन है और न ही प्रदूषण विभाग से अनुमति ली गई है। बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों की कृपा से 10 साल तक कारोबार संचालित हुआ। 

13 वर्षो तक किया अवैध उत्खनन
सरस्वती मिनरल्स के संचालक घनश्याम उर्फ ललन तिवारी निवासी पेड्रा जिला बिलासपुर ने पुष्पराजगढ के ग्राम दोनिया में वर्ष 25 जनवरी 2003 से 24 जनवरी 2013 तक खसरा नंबर ७३८/१ख, रकवा १.२१४ हेक्टेयर भूमि पर लीज लेकर लगातार खनिज पदार्थो का दोहन करता रहा तथा लीज अवधि खत्म होने के बाद भी वर्ष 2013-16 तक अवैध उत्खनन कर पत्थर को छत्तीसगढ स्थित क्रेशर में परिवहन करता रहा जिसके कारण मप्र सरकार के खजाने को करोड़ों की चपत लगी। 

भूमि कही और क्रेशर कही स्थापित
जानकारी के अनुसार सरस्वती मिनरल्स द्वारा खनिज विभाग में अपने क्रेशर स्थापित करने के लिए खसरा नंबर 818 दर्शाया गया है, लेकिन ग्राम दोनिया के खसरा क्रमांक 818 में कोई भी क्रेशर संचालित ही नही है। जिसके कारण घनश्याम तिवारी ने पूरे मामले को छिपाने के लिए खसरा नंबर 818 में अपना कार्यालय डाल दिया। 

बोल्डर से गिट्टी की अंतर राशि नही हुई जमा
सरस्वती मिनरल्स द्वारा वर्ष 2003 से लीज तो ले लिया गया जहां 10 वर्षो तक उस लीज से लगातार पत्थरो का अवैध उत्खनन करता रहा। लेकिन आज दिनांक तक बोल्डर से गिट्टी की अंतर राशि कभी खनिज विभाग में जमा ही नही की गई। पूरे मामले में सरस्वती मिनरल्स के पास क्रेशर ही नही होने का है जिसने प्रशासन सहित विभाग को बीते 13 वर्षो से लगातार गुमराह कर अवैध व फर्जी दस्तावेजो के आधार पर ग्राम दोनिया में लीज प्राप्त की। 

इनका कहना है
मेरे ज्वाइनिंग के समय सरस्वती मिनरल्स की लीज को खत्म होने को लगभग एक माह शेष बचे थे, मेरे द्वारा क्रेशर स्थापित न होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका जवाब समय पर नही दिया गया था, मैने पूरा मामले की रिर्पोट कार्यवाही के लिए संचालक खनिज विभाग को भेज दिया है। 
सुश्री फरहत जहां, खनिज अधिकारी अनूपपुर

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