नई दिल्ली। कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक लगभग सभी छात्र ट्यूशन माफिया का शिकार होते हैं। स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स अपनी क्लास के छात्रों को ट्यूशन आने के लिए मजबूर कर देते हैं। जो छात्र ट्यूशन से इंकार करते हैं, उन्हे फेल कर दिया जाता है। ऐसे ही एक पीड़ित छात्र ने सुसाइड कर लिया। वो 11वीं का होनदार छात्र था। उसने ट्यूशन से इंकार कर दिया था। इसलिए उसे फेल कर दिया गया। मृत छात्र के पिता ने स्कूल के प्रबंधक और क्लास टीचर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया है।
मृतक छात्र शिवम के कमरे में मिले सुसाइड नोट में छात्र ने स्कूल प्रबंधन की प्रताड़नाओं और प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल करने का आरोप लगाया है। बता दें, कि छपिया थाना क्षेत्र के बखरवा गांव के रहने वाले वीरेंद्र कुमार ओझा का बेटा शिवम ओझा कोतवाली नगर क्षेत्र के पंतनगर मोहल्ले में किराये पर कमरा लेकर रहता था। शिवम पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए उसने टयूशन लेने से मना कर दिया था।
इस छात्र के सुसाइड नोट में यह आरोप है की उसे स्कूल के टीचर ने कोचिंग पढ़ने के लिए कहा और ऐसा न करने पर प्रैक्टिकल में कम नम्बर दिया गया और वह फेल हो गया। इसके चलते छात्र ने आहत होकर आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने दवाजा तोड़कर अंदर देखा तो शिवम का शव रस्सी के सहारे लटक रहा था।
सॉरी पापा, आई एम गोइंग टू कमिट सुसाइड
अपने सुसाइड नोट में शिवम ने लिखा है। सॉरी पापा..आई एम गोइंग टू कमिट सुसाइड। मैंने तो बहुत बड़े-बड़े सपने देखे थे। मैंने कभी नहीं सोचा था मेरे स्कूल वाले मुझे इतनी जल्दी मरने पर मजबूर कर देंगे. .. मैं ग्यारहवीं में फेल हो गया और मैं अपना मुंह अपने माता-पिता को कैसे दिखाऊं। कैसे उनके सपनों को टूटता हुआ देखूं। इसलिए मैं जा रहा हूं...
सबको मेरा प्रणाम