नई दिल्ली। भारत में अस्पताल, दवाएं और इलाज अब माफिया के हाथ में जाते दिख रहे हैं। मरीजों को बेवजह महंगी दवाओं से शुरू हुआ काला कारोबार अब नकली खून की सप्लाई तक जा पहुंचा है। यह नकली खून निश्चित रूप से जानलेवा है। चढ़ाते ही मरीज की हालत बिगड़ जाती है। परिजनों को लगता है कि डॉक्टरों ने कोशिश तो की लेकिन बचाया नहीं जा सका परंतु असल में मरीज की मौत बीमारी की वजह से नहीं बल्कि नकली खून की वजह से होती है। उत्तरप्रदेश के कई शहरों में नकली खून की सप्लाई का भांडाफोड़ हुआ है। यह देश के दूसरे राज्यों में भी हो सकता है। फिलहाल पकड़ा नहीं गया है।
गौरतलब है कि एसआरएमएस में तीन महीने पहले नकली खून पकड़ा गया था। ब्लड बैग पर दर्ज बैच नंबर बीबी 1512335 से ड्रग विभाग की पड़ताल आगे बढ़ी। इस बैच नंबर के खाली ब्लड बैग फरीदाबाद की जी मित्र कंपनी ने गाजियाबाद के मेरठ रोड स्थित अमित फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर्स और मेरठ के थापर नगर की एसआर डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बेचे थे।
ड्रग इंस्पेक्टर ने गाजियाबाद और मेरठ के डिस्ट्रीब्यूटर्स से ब्लड बैग की आगे सप्लाई करने के बारे में जवाब मांगा था। गाजियाबाद के डिस्ट्रीब्यूर्टस से खाली ब्लड बैग की सप्लाई के बारे में जो जानकारी ड्रग विभाग को मिली वह चौंकाने वाली है।
बरेली में पकड़े गए ब्लड यूनिट पर दर्ज बैच नंबर वाले खाली बैग गाजियाबाद के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद, मेरठ, पिलखुवा, बड़ौत, मुजफ्फरनगर और शामली के कई ब्लड बैंक और इंस्टीट्यूट में सप्लाई किए। इन संस्थानों से किस तरह खाली ब्लड बैग निकलकर बरेली पहुंचे इसकी पड़ताल चल रही है। ड्रग इंस्पेक्टर ने सभी संस्थानों के संचालकों को नोटिस जारी कर दिए हैं। हालांकि अभी किसी का जवाब नहीं आया है।
ऐसे हुआ खुलासा
तीन महीने पहले फरीदपुर की सोमा को गंभीर हालात में वीसलपुर रोड स्थित न्यू श्री धन्वंतरि अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां सोमा के पति राजेंद्र ने दलाल के जरिए दस हजार में दो यूनिट खून खरीदा था। सोमा को एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। हालत बिगड़ती तो सोमा को राममूर्ति मेडिकल कालेज (एसआरएमएस) रेफर कर दिया गया। एसआरएमएस में खून की जरूरत पड़ी तो राजेंद्र ने एक यूनिट डाक्टर को दे दी। उस पर एसआरएमएस के ब्लड बैंक का नकली स्टीकर लगा था। एसआरएमएस प्रबंधन ने तुरंत मामले की शिकायत ड्रग विभाग में की।
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एसआरएमएस में पकड़े गए नकली खून के बैग पर बैच नंबर को लेकर हमारी जांच आगे बढ़ रही है। पश्चिमी यूपी के शहरों से खाली ब्लड बैग बरेली खाली धंधेबाजों तक पहुंचे हैं। सात संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं। जांच को टीम जाएगी।
उर्मिला वर्मा, ड्रग इंस्पेक्टर