भोपाल। प्रदेश की पांचों कम्पनियों में कार्य करने वाले 10 हजार संविदा तथा 15 हजार आऊट सोर्सिंग के बिजली कर्मचारी अधिकारी सोमवार 17 अप्रैल से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगें। हड़ताल के दौरान सभी कर्मचारी भोपाल में सेकण्ड बस स्टाप स्थित अम्बेडकर मैदान में इकट्ठा होकर भाजपा के घोषणा पत्र 2013 के पृष्ठ क्र. 33 में किये गये नियमितीकरण का वादा पूरी करने की मांग को लेकर धरना देंगें।
गौरतलब है भाजपा के घोषणा पत्र 2013 में वादा किया गया था कि तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने पर मप्र विद्युत वितरण कम्पनियों में कार्य करने वाले समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा लेकिन मप्र में भाजपा सरकार बनने के तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं। उसके बाद भी बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी और आऊट सोर्सिग के कर्मचारियों के सरकार ने कुछ नहीं किया। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर और युनाइटेड फोरम फार इंजीनियरर्स संघ के संयोजक व्ही.के.एस परिहार ने बताया कि संविदा कर्मचारियों के द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव, सभी को ज्ञापन दे देकर ध्यानाकर्षण किया लेकिन विद्युत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार ने कोई पहल नहीं की।
बिजली संविदा कर्मचारियों की हड़ताल की अगुआई कर रहे म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, युनाईटेड फोरम के संयोजक व्ही.के.एस. परिहार ने आरोप लगाया है कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों से नियमित किये जाने का झूठा वादा करके पूरे प्रदेश में अटल ज्योति योजना के तहत् संविदा कर्मचारियों से दिन-रात मेहनत करवाकर पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली दिये जाने का वादा पूरा करवाया, जिससे तीसरी बार भाजपा सरकार फिर सत्ता में आई । सत्ता में आते से ही संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने के वादे का पूरा नहीं किया । जिससे प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में बेहत आक्रोश है । सरकार ने वादा करना तो दूर 55 संविदा कर्मचारियों को सेवा से निष्कासित कर दिया ।
युनाईटेड फोरम और संविदा महासंघ ने मांग की ही है कि बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों के साथ बिजली विभाग में आऊट सोर्सिग तथा ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए। क्योंकि आऊट सोर्सिग पर कार्यरत कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है।
चरमरा जायेगी बिजली व्यवस्था
बिजली विभाग में काम करने वाले 25 हजार संविदा, आऊट सोर्सिंग ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था चरमरा जायेगी, पूरे देश के ग्रीड फेल हो जायेंगें, रेल के पहियें थम जायेंगें। पूरे प्रदेश में हाहाकार मच जायेगा। एक बार लाईन और ट्रासंफारमर में फाल्ट आने के बाद कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण वो सुधर नहीं पायेगा।