राजेंद्र चौहान/इंदौर। रविवार को आयोजित आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकाश) का स्थापना दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के हाल में आए निर्णय पर आपत्ति दर्ज कराई गई। वक्ताओं ने इसे सरकार की तरफ से आया फैसला बताया और कहा कि मोदी सरकार ने देश में आरक्षण समाप्त किए बिना, आरक्षण खत्म कर दिया। उन्होंने सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण दे दिया। कार्यक्रम में आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि झाबुआ रतलाम लोकसभा के नेता कांतिलाल भूरिया, केबिनेट मिनिस्टर कुंवर विजय शाह, पूर्व मंत्री व् मनावर विधायक रंजना बघेल, कुक्षी विधायक हनी बघेल व अन्य आदिवासी नेता मौजूद थे।
कार्यक्रम का आयोजन समाज के सरकारी अधिकारियों के नेतृत्व में हुआ। चूंकी आदिवासी प्रकृति के पूजक हैं, वह नास्तिक आस्तिक में विश्वास नहीं करता वह केवल वास्तविक में विश्वास करता है। इसलिए कार्यक्रम में पधारे जनप्रतिनिधि व अधिकारियो का स्वागत फलदार पौधे दान कर किया।
कार्यक्रम में पधारे समाज के राकेश परमार ने समाज में प्रथम स्थान प्राप्त कर उनके अपने मंत्र बताये। सामान्य श्रेणी से DC की पोस्ट हासिल करने वाले समाज क युवा आदिवसी अक्षय ने अपने सफलता के सूत्र साझा किये। कार्यक्रम में पदानोति में आरक्षण जैसे गंभीर गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को केवल आरक्षित सीट ही दी जाएगी। इस तरह आदिवासी समाज से अभ्यर्थी जो सामान्य वर्गों से अधिक अंक लाने वालो को सामान्य श्रेणी की सीट नही दी जायेगी। याने की केंद्र सरकार ने सामान्य श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षित कर दिया है। कही न कही केंद्र सरकर आरक्षित वर्गों का आरक्षण ख़त्म करे बिना ही आरक्षण समाप्त कर आरक्षण व देश के सविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है।