नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले उन 66 कीटनाशियों पर बैन लगाया जाए, जिनके इस्तेमाल पर विभिन्न देशों में बैन है। इस याचिका में भारत में इन 66 कैमिकल्स के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने और बैन लगाने की मांग की गई है।
यह मांग इस आधार पर की गई है कि ये कैमिकल इंसानों, जानवरों और पौधों की सेहत पर खतरा पैदा करते हैं। यह याचिका सुनवाई के लिए कार्यकारी कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ के समक्ष आई। पीठ इस याचिका पर 28 अगस्त को सुनवाई करने के लिए राजी हो गई है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इन कीटनाशियों के लगातार जारी इस्तेमाल की जांच के लिए गठित विशेषज्ञों के पैनल में कीटनाशी निर्माताओं की लॉबी का वर्चस्व है और पैनल उन्हीं के प्रभाव में है।
विधि स्नातक के वी बीजू द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कीटनाशियों के निजी निर्माता विशेषज्ञ समिति के कर्ताधर्ता बन गए और एक आमंत्रित पक्ष से कहीं ज्यादा की भूमिका निभाई. खुद को हानिकारक कैमिकल्स के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले संगठन का हिस्सा बता रहे याचिकाकर्ता ने एक नई विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की है, जिसमें ऐसे लोग हों, जो कीटनाशी उद्योग से अलग हों।