नई दिल्ली। केन्द्र सरकार देश से गरीबी दूर करने के लिए एक डायरेक्ट बेनेफिट योजना लेकर आ रही है। इस योजना के तहत सरकार देश के ग्रामीण इलाकों में गरीबी झेल रहे लगभग 8.5 करोड़ परिवारों को कर्ज देगी। यह कर्ज इन गरीब परिवारों को व्यवसाय का नया जरिया तैयार करने के लिए दिया जाएगा। यह कर्ज खास इसलिए है कि इस कर्ज पर ब्याज का बड़ा हिस्सा केन्द्र सरकार खुद देगी।
किसे मिलेगा 1 लाख रुपया
1 लाख रुपये का लोन देने के लिए केन्द्र सरकार ने हाल में कराए गए सामाजिक, आर्थिक और जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों का सहारा लिया है। इन आंकड़ों में केन्द्र सरकार ऐसे लगभग 8.5 करोड़ परिवारों को चिन्हित करेगी और इस योजना के तहत 2019 तक एक लाख रुपये का लोन आवंटित करेगी।
क्यों दिया जाएगा लोन
1 लाख रुपये के लोन की योजना के तहत केन्द्र सरकार की कोशिश रूरल फाइनेनसिंग के सरकारी ढ़ांचे को पुख्ता करने की है। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों की क्षेत्रीय साहूकार और माइक्रोफाइनेनस कंपनियों पर निर्भरता कम करने की है। गौरतलब है कि जहां बैंकों द्वारा कर्ज के लिए लगभग 11 फीसदी का ब्याज वसूला जाता है, क्षेत्रीय साहूकार और माइक्रोफाइनेनस कंपनियां इस दर से कहीं ज्यादा ब्याज वसूलते हैं और ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवार इस ब्याज के बोझ तले दबे रहते हैं।
किस काम के लिए मिलेगा लोन
केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कृषि और एनिमल हस्बेंडरी मंत्रालय के साथ करार किया है। इस करार के तहत गरीब परिवारों को खेत जुताई, पोल्ट्री फार्म और बकरी पालन जैसी गतिविधियों के जरिए आमदनी करने के लिए सक्षम किया जाएगा। इन परिवारों को सस्ते दर पर दिया गया लोन इन कामों के जरिए आमदनी को पुख्ता करने के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार नैशनल डेयरी बोर्ड की मदद के साथ-साथ इस क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी पर भी काम कर रही है।
4 से 7 फीसदी ब्याज देगी सरकार
बैंक द्वारा लोन के लिए लिए जा रहे 11 फीसदी ब्याज दर को कम करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय 4 फीसदी ब्याज इंटरेस्ट सबवर्जन के जरिए कम कर 7 फीसदी पर उपलब्ध कराएगा। वहीं देश के लगभग 250 अति पिछड़े जिलों में केन्द्र सरकार यह कर्ज सिर्फ 4 फीसदी ब्याज पर देने की तैयारी में है। इसके लिए वह उन परिवारों को इंटरेस्ट सबवर्जन के जरिए ही 3 फीसदी अतिरिक्त छूट देगी जो समय से अपने ब्याज की भरपाई करेगा।