
सूत्रों के मुताबिक दो साल पहले आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में बड़ा घोटाला सामने आया था। इसमें कॉलेज संचालकों ने छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति तो ले ली पर वे परीक्षा में बैठे ही नहीं। मामला खुलने पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण दर्ज करा जांच की तो खुलासा हुआ कि एक ही छात्र के दस्तावेज पर कई छात्रवृत्तियां निकाली गईं। कई मामलों में तो छात्रों को पता ही नहीं चला कि उनके नाम पर छात्रवृत्ति भी आई थी। इसे देखते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने पिछले दो साल में दी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पड़ताल करने का फैसला किया है।
विभाग ने सभी कॉलेजों को एक प्रोफार्मा देकर छात्रों का पूरा ब्योरा मांगा है। इसके आधार पर सत्यापन कराया जाएगा। यदि जानकारी गलत पाई जाती है तो फिर छात्रवृत्ति की वसूली करने के साथ कॉलेज प्रबंधकों के साथ छात्र के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हां, जानकारी बुलाई है, सत्यापन कराएंगे: थेटे
विभाग के सचिव रमेश थेटे ने बताया कि सभी तरह की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की जानकारी बुलाई है। सत्यापन भी कराएंगे। यदि जानकारी गलत दी गई तो वैधानिक कार्रवाई करेंगे।