नई दिल्ली। लगभग सभी सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि आप आधार को अनिवार्य कैसे बना सकते हैं जबकि हमने इसे सिर्फ वैकल्पिक रखने का आदेश दिया था। अपने पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए।
अटॉर्नी जनरल ने दी सफाई
केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने सफाई में बताया कि "कई सारे मामले में सरकार ने यह देखा है कि शेल कंपनियों को फंड्स डायवर्ट करने के लिए कई पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया था। ऐसी चीजों को रोकने के लिए आधार को अनिवार्य किया जाए। इस केस में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। अभी केंद्र के 19 मंत्रालयों की 92 स्कीम्स में आधार का इस्तेमाल हो रहा है।
यह याचिका पैनकार्ड के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता वाले आदेश को लेकर लगाई गई थी। कहा गया था कि यदि पैनकार्ड से आधारकार्ड लिंक नहीं हुआ तो लोगों को काफी नुक्सान झेलना पड़ सकता है। आधार कार्ड के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले भी यह आदेश दे चुकी है कि इसे किसी भी स्थिति में अनिवार्य नहीं किया जा सकता। हां यह एक विकल्प हो सकता है परंतु आधार ना होने के कारण किसी व्यक्ति को सुविधाओं से वंचित या दण्डित नहीं किया जा सकता।