भोपाल। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भोपाल में अपने ढाई लाख कर्मचारियों और 10 लाख खातों को 'आधार' से जोड़ने की कवायद में जुटा है। लेकिन ऐसे कर्मचारियों की बड़ी संख्या सामने आ रही है, जिनके नाम, पिता के नाम की स्पेलिंग में अंतर आ रहा है। इस कारण उनके अकाउंट को आधार से जोड़ने में दिक्कत आ रही है। विभाग का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों को पैसे निकालने में परेशानी आएगी।
ईपीएफओ का कहना है कि कर्मचारी के दस्तावेज, आधार कार्ड की डिटेल और विभाग में मौजूद ब्योरे में अंतर आ रहा है। यह अंतर टाइपिंग की गलती, स्पेलिंग, नाम अथवा पिता के नाम में मिल रहा है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए सारे खातों को'आधार' कार्ड से जोड़ने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा।
ऐसे हो रही समस्या
भोपाल के मोहम्मद जहूर अपना पैसा निकालने के लिए इसलिए परेशान हुए क्योंकि ईपीएफओ में उनका नाम मो. जाहिर दर्ज था। इसी तरह राजीव शर्मा के मामले में भी स्पेलिंग का अंतर मिला। दस्तावेजों में कुछ कर्मचारियों के नाम के साथ 'कुमार' जुड़ा हुआ है, लेकिन नियोक्ता एवं 'आधार' कार्ड में उनके नाम के आगे 'कुमार' नहीं है। इसलिए ऐसे सभी मामले 'मिसमैच' की श्रेणी में आ रहे हैं।
खत्म हो जाएगा पीएफ कोड
विभाग के क्षेत्रीय कमिश्नर अश्विनी कुमार गुप्ता का कहना है कि अब जल्दी ही कर्मचारी का पीएफ कोड खत्म हो जाएगा। कर्मचारी की पहचान सीधे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से होगी। नए कर्मचारियों का भी सीधे यूएएन ही बनाया जा रहा है। यूएएन को आधार से जोड़ने के बाद कर्मचारी को पीएफ अकाउंट से अपना पैसा वापस लेने में सुविधा हो जाएगी।
ईपीएफओ लगाएगा शिविर
कमिश्नर ने बताया कि इस संबंध में ईपीएफओ द्वारा विशेष शिविर लगाने की तैयारी भी की जा रही है ताकि कर्मचारियों का 'डाटा' अपडेट किया जा सके। भोपाल सहित अन्य जिलों के नियोक्ताओं को भी उनके कर्मचारियों की जानकारियां दुरुस्त करने को कहा गया है।