भोपाल। अध्यापकों का वेतन गणना पत्रक सीएम सचिवालय में अटका हुआ है। स्कूल शिक्षा विभाग दो हफ्ते पहले संशोधित पत्रक सचिवालय को भेज चुका है। जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फैसला लेना है। उधर, गणना पत्रक के सिलसिले में सचिवालय के अफसरों की सीएम से चर्चा नहीं हो पा रही है, इसलिए पूरा मामला अटका हुआ है।
छठवें वेतनमान के गणना पत्रक में छह महीने से संशोधन किया जा रहा है। सरकार अध्यापकों को खुश करने के लिए अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। स्कूल शिक्षा और वित्त विभाग ने तीन माह पहले संयुक्त रूप से पत्रक तैयार कर लिया है, लेकिन उसकी औपचारिकताएं पूरी करने में दो माह लग गए। अब जबकि 15 दिन से पत्रक सीएम सचिवालय में है तो मुख्यमंत्री की व्यस्तताओं के चलते पत्रक फाइनल नहीं हो पा रहा है।
सहमति से बनेगी रणनीति
अध्यापक फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। मप्र आजाद अध्यापक संघ ने 23 अप्रैल को जबलपुर में बैठक बुलाई है। जिसमें अध्यापकों के हक की लड़ाई में शामिल होने के इच्छुक समस्त अध्यापक संगठनों के पदाधिकारी शामिल होंगे।
संघ के अध्यक्ष भरत पटेल ने बताया कि मदन महल के नजदीक कल्चुरी समाज भवन में बैठक बुलाई है। इसमें अध्यापकों की समस्त मांगें और अब तक किए गए आंदोलनों की समीक्षा की जाएगी। फिर जिलों के पदाधिकारियों से पूछा जाएगा कि अब आंदोलन करना है या नहीं।
यदि वे आंदोलन के लिए तैयार होते हैं तो लोगों को लाने का टारगेट दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 20 मई के बाद 15 अक्टूबर 2016 को दूसरी बार गणना पत्रक जारी किया था, जिसमें गड़बड़ी सामने आई थी।
वंचिंग सिस्टम नहीं चलेगा
पटेल ने बताया कि वंचिंग सिस्टम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये बात अफसर और मुख्यमंत्री के सामने भी रख चुके हैं। यदि फिर भी वंचिंग सिस्टम थोपा गया तो आंदोलन होगा।