भोपाल। बिल्डर्स की मनमानी और ठगीबाजी पर रोक लगाने के लिए बनाई गई भोपाल। रियल एस्टेट रेगुलेशन अथॉरिटी (रेरा) के अध्यक्ष एंटोनी डिसा बिल्डर्स पर नकेल कसने के बजाए उनके एंबेसडर कीतरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने रेरा नियम 2016 की जगह नया नियम 2017 का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। इसमें डिसा ने प्रमोटर को परिभाषित करने, बिल्डर के रजिस्ट्रेशन को प्रॉविजनली जारी करने, प्रोजेक्ट को विशेष परिस्थितियों में तय मियाद से छूट देने जैसे प्रावधान प्रस्तावित किए थे। यह सभी प्रावधान बिल्डरों को फायदा पहुंचाने वाले थे। सरकार ने आनाकानी की तो पद छोड़ने की धमकी दे गए।
उन्होंने मुख्य सचिव बीपी सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य शासन मदद नहीं कर रहा है। उनके पत्र के बाद अचानक ही सरकार हरकत में आ गई है। डिसा की नाराजगी दूर करने के लिए मंगलवार को कैबिनेट में रेरा में भर्ती करने का प्रस्ताव रखा गया। जबकि रेरा के मौजूदा नियम की बजाय नया नियम 2017 की फाइल भी नगरीय विकास एवं आवास विभाग की मंत्री माया सिंह को भेज दी गई है।
केंद्र सरकार के रेरा एक्ट के तहत सभी प्रदेशों में एक मई से बिल्डरों का रजिस्ट्रेशन शुरू होना है। मप्र में भी इसकी तैयारी है। इसी बीच, रेरा अध्यक्ष डिसा ने एक महीने पहले रेरा के सेटअप, केंद्र के एक्ट के तहत बनाए गए नियमों में बदलाव और टेक्निकल एक्सपर्ट आदि की मांग कर दी है। डिसा ने खुद नए नियम प्रस्तावित कर दिए। सरकार ने कुछ प्रावधानों को मान भी लिया, लेकिन बाकी प्रावधान केंद्र के एक्ट से विपरीत हैं। इसी वजह से सरकार ने उन्हें रद्द कर दिया। सूत्र बताते हैं कि इससे खफा डिसा ने हाल में मुख्य सचिव को नाराजगी भरा पत्र लिखा। सोमवार को यह पत्र नगरीय प्रशासन संचालनालय पहुंचा। आनन-फानन में कैबिनेट में भर्ती नियम लाने का प्रस्ताव रखा गया है।
लेकिन सरकार की दिक्कत यह थी कि केंद्र सरकार के एक्ट से उलट यह प्रावधान थे। यदि सरकार संशोधन करती तो एक्ट का उल्लंघन हो जाता। लिहाजा ने सरकार इन प्रावधानों को रद्द कर दिया। सरकार के इस कदम से डिसा नाराज हो गए और उन्होंने रेरा के शुरू होने से पहले ही उसकी कमान संभालने से इनकार कर दिया।
फेस के हिसाब से बिल्डरों को मिलेगी क्लीयरेंस
यदि कोई प्रोजेक्ट चरणों में बनेगा तो हर चरण के हिसाब से रेरा क्लीयरेंस देगी। साथ ही रजिस्ट्रेशन में पेन नंबर के साथ ही आधार नंबर भी मान्य किया गया है। जमीन के मालिकाना हक के जांच के लिए राजस्व एसडीओ की एनओसी बिल्डर को देना होगा। यह सभी प्रावधान रेरा नियम 2017 में किए गए हैं। संभावना है कि एक मई से पहले यह प्रावधान लागू हो जाएंगे।