दमोह। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना हक मांग रहे अतिथि शिक्षकों कों जनता के सामने जलील किया। उन्होंने भरे मंच से कहा कि यदि गरीबों के कार्यक्रम में दखल दोगे तो कुछ नहीं मिलेगा, जीवनभर अतिथि शिक्षक ही बने रहोगे। उन्होंने मौजूद जनता से पूछा कि जनता बताए क्या गरीबों के काम में दखल देने वालों को कुछ मिलना चाहिए, तो जनता ने भी कहा नहीं मिलना चाहिए।
दमोह में बुधवार को आयोजित अंत्योदय मेले का आयोजन था। अतिथि शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हे भी गुरूजियों की तरह संविदा शिक्षक बनाया जाए। कई बार सरकार की ओर से उन्हे आश्वासन भी मिल चुका है परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। अत: अतिथि शिक्षक इन दिनों सीएम शिवराज सिंह का घेराव कर रहे हैं। मेले में सीएम शिवराज सिंह ने जैसे ही मंच से जनता को संबोधित करना शुरू किया, वैसे ही अतिथि शिक्षक नारे लगाने लगे कि शिवराज सिंह चौहान हमारी मांगे पूरी करो। हमें संविदा शिक्षक बनाओ।
पहले नजर अंदाज किया बाद में दिखाया गुस्सा
दमोह के तहसील मैदान में जैसे ही मुख्यमंत्री ने बोलना शुरू किया, भीड़ में मौजूद अतिथि शिक्षक संघ के दर्जनों लोग हाथ में बैनर लेकर अपनी मांगों को पूरा करने नारे लगाने लगे। कुछ देर तो सीएम ने उन्हें नजरअंदाज किया, लेकिन जब नारे तेज हुए तो सीएम को गुस्सा आ गया और चेतावनी दे डाली।
उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षक सुन लें कि ये गरीबों के कल्याण का कार्यक्रम हो रहा है। इसमें दखल न दें, ऐसे विरोध से कुछ नहीं मिलने वाला। गरीबों का मेला लगा है, उनके लिए सुविधाएं जुटा रहे हैं और हम और यहां आकर मांगें पूरी करवाने वाले सफल नहीं हो सकते। इसके बाद भी सीएम नहीं रुके उन्होंने मौजूद जनता से पूछा कि जनता बताए क्या गरीबों के काम में दखल देने वालों को कुछ मिलना चाहिए, तो जनता ने भी कहा नहीं मिलना चाहिए।