आनंद ताम्रकार/बालाघाट। जिले में स्थित स्टेट वेयर हाउस कारपोरेशन तथा निजी गोदामों में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का स्टाक रखा गया है। जिसे कस्टम मिलिंग के लिये राईस मिलों को दी जानी है। गोदामों में रखे गये धान के स्टाक में राज्य शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सोख की तयशुदा मात्रा एवं शॉर्टेज बताकर धान को राईस मिलों को अवैध रूप से बेचा जा रहा है इस बात का खुलासा जिला प्रशासन द्वारा कराई गई एक जांच में हुआ है।
इस संबध में राईस मिलर्स श्री गौतम कोठारी ने जिले के प्रभारी मंत्री श्री शरद जैन को दिनांक 9 सितम्बर 2016 को लिखित शिकायत पर दिया गया था। जिसमें यह उल्लेख किया गया था की मार्कफेड बालाघाट द्वारा कस्टम मिलिंग के लिये फर्म चम्पादेवी राईस मिल गर्रा बालाघाट को स्टेट वेयरहाउस कारपोरेशन के अधिनस्त खापा ग्राम स्थित कल्पतरू गोदाम से जो धान दी गई थी उसमें 13.5 क्विटंल धान कम पाई गई जो कि धर्मकाटे में गढबडी कर मात्रा में हेराफेरी की गई।
शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था की 20 जुलाई 2016 को उनकी फर्म के प्रबंधक विश्वनाथ नगपूरे ने कल्पतरू गोदाम बालाघाट से बिना रिलीज आर्डर(आरो) के 1 टक धान अवैध रूप से बेचते हुये पकडा था। उसी दिन गोदाम पंहुचकर प्रबंधक पाटील द्वारा कहा गया था कि ट्रक में ले जाई गई धान 21/7/2016 को वापस कर दी जायेगी लेकिन कल्पतरू गोदाम में वापस ना भेजकर उसे बाजार में बेच दिया।
इस शिकायत की जांच कलेक्टर बालाघाट द्वारा श्री पार्थ जायसवाल आईएएस सहायक कलेक्टर को सौपी गई थी। जांच के दौरान श्री जायसवाल ने श्री मुकेश कोरी प्रभारी प्रबंधक मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लाजिक्टिक कारपोरेशन वारासिवनी, विश्वनाथ नगपूरे पिता लोकनाथ नगपूर वार्ड क्रमांक 2 गोगलई बालाघाट, गंभीर संचेती प्रो. संचेती राईस मिल वारासिवनी तथा सुपार्श्व राईस मिल कटंगी रोड वारासिवनी के प्रो. से पूछताछ की और बयान दर्ज किये।
जांच में जो अनियमिततायें पाई गई है उनका जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है। जिसके अनुसार एसडब्ल्यूसी वारासिवनी की धान स्टाक पंजी में 23 जुलाई 2016 को 3090 बोरी धान वजन 974 क्विंटल धान पाया गया। एक बोरी का औसतन वजन बारदाने सहित 31 किलो पाया गया। जबकि एक बोरी का औसत वजन 37 किलोग्राम बारदाने सहित होना चाहिये जो कि 6 किलोग्राम कम पाया जो प्रथम दृष्टया संभव नही है।
23/7/2016 को कल्पतरू गोदाम खापा से जारी किये गये 4 गेट पास में से 3 संचेती राईस मिल वारासिवनी को जारी किये गये है जिस पर काटछाट कर हाथ से 550 बोरी के स्थान पर 650 बोरी किया गया है। इसी तरह जारी कल्पतरू गोदाम के तौल काटा पंर्ची में काटछाट कर हाथ से 550 बोरी के स्थान पर 650 बोरी किया गया है तथा 1 ग्रेट पास सुपार्श्व राईस वारासिवनी को जारी किया गया था जिसमें काटछाट कर हाथ से 550 बोरी के स्थान पर 650 बोरी किया गया है तौल काटा पर्ची में भी हाथ से काटछाट कर 550 बोरी के जगह 650 बोरी किया गया है इसी प्रकार बिना तौल के ही एसडब्ल्यूसी वारासिवनी प्रबंधक मनोहर पाटील द्वारा कुल 400 बोरी धान राईस मिलर्स को प्रदान की गई जो नियमानुसार नही है।
कल्पतरू गोदाम खापा में पीएमओ बालाघाट द्वारा दि गई जानकारी के अनुसार 29/12/2015 को जमा बोरी धान 153499 मात्रा 57461.12 क्विंटल अतिम भुगतान दिनांक 31/7/2016 भुगतान बोरी 153499मात्रा 55522.07 क्विटंल भण्डारन में कमी मात्रा 1939 क्विंटल पाई गई।
इस प्रकार निर्धारित धान की सोख 2 प्रतिशत का मान्य है उसे 1.37 प्रतिशत अधिक सुकत बताया गया जो संदेहस्पद है।
जिला विपणन अधिकारी बालाघाट के पत्र क्रमांक 1880 8 मार्च 2016 के अनुसार वर्ष 2015-16 के लिये धान की सूकत 2 प्रतिशत तक ही मान्य है 2 प्रतिशत से अधिक होने पर हानि की राशि संबंधित भण्डारन एंजेसी से वसूलने की कार्यवाही की जायेगी।
जांच प्रतिवेदन में यह उल्लेखित है कि तत्कालीन प्रबंधक मनोहर पाटील द्वारा धान की सूखत मात्रा जोकि शासन द्वारा 2 प्रतिशत निर्धारित है उसे रिकार्ड में बढाकर 3.37 प्रतिशत किया गया तथा धान की सूखत की मात्रा बढाकर गेट पास एवं तौल पर्ची में काटछाट की गई तथा धान के बारदानों की संख्या बढाकर बिना तौल किये और बिना रिकार्ड में दर्ज किये 400 बोरी धान अवैध रूप से लाभ कमाने के उद़देश्य से राईस मिलर्स को प्रदाय किया गया और शासन को हानि पहुचाई गई इसी प्रकार गंभीर संचेती राईस मिलर्स वारासिवनी द्वारा 300 बोरी घान अवैध रूप से बिना तौल काटा पंर्ची से प्रबंधक से प्राप्त किया जो नियमानुसार नही है।
जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर कलेक्टर बालाघाट द्वारा प्रबध संचालक मध्यप्रदेश स्टेट वेयरहाउस कारपोरेशन भोपाल को 10 जनवरी 2017 को पत्र प्रेषित करते हुये तत्कालीन प्रबंधक मनोहर पाटील द्वारा सुख की मात्रा बढाकर 400 बोरी धान राईस मिलर्स को अवैध तरीके से प्रदाय किया जाना पाया गया जिसके कारण मनोहर पाटील के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा की गई है। लेकिन मनोहर पाटील के विरूद्ध आज तक कोई कार्यवाही नही की गई और उसे जिला प्रबंधक के पद पर पदस्थ कर दिया गया।
इस प्रकार जिले के गोदामों में जहां धान संग्रहित की गई भारी मात्रा में इसी तरह से धान की अफरातफरी प्रबंधों द्वारा की गई और शासन को क्षति पहुचाई गई है जिसकी संघन जांच की जानी चाहिये।