नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी जैसे जैसे बड़ी होती जा रही है, वैसे वैसे वो अपने बनाए सिद्धांतों को तोड़ती जा रही है। मामला सहिष्णुता का हो या राष्ट्रवाद का या फिर राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद का। बीजेपी ने अपने सारे नियम तोड़ दिए हैं। 23 अप्रैल को दिल्ली में होने जा रहे नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में भाजपा ने नेताओं के रिश्तेदारों को जमकर टिकट बांटे हैं। इससे पहले भाजपा ने ऐलान किया था कि वो पार्टी में परिवारवाद को पनपने नहीं देगी। चुनाव में रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
सोमवार को बेजीपी ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी और आखिरी सूची जारी की। बीजेपी द्वारा मंगोलपुरी-बी से सांसद उदित राज के भतीजे विजय को टिकट दिया गया है। कुरैश नगर से पार्षद हूर बानो इसमाइल की बेटी और बेटे को यहां से टिकट दिया गया है। इसी तरह मदनपुर खादर से पार्षद बीर सिंह की बहु कमलेश देवी को टिकट दिया गया है। कमलेश देवी के पति ब्रहम सिंह ने ओखला से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे। वहीं वजीरपुर की बात करें तो यहां से पूनम शर्मा को टिकट दिया गया है जो कि हरीश शर्मा की रिश्तेदार हैं। हरीश शर्मा इस क्षेत्र के मंडल उपाध्यक्ष हैं। पूनम के ससुर सुरेश भारद्वाज भी पार्षद हैं। बीजेपी ने 24 ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिनके रिश्तेदार किसी न किसी तरह बीजेपी से जुड़े हुए हैं। जहां बीजेपी ने नए और युवा चेहरों को मैदान में उतारने की बात कही थी, वहीं पार्टी ने चार ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है।
इसी बीच बीजेपी द्वारा सफाई दी गई है कि जिन उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया है, उनमें जीतने की क्षमता है और वे पार्टी के मेहनती कार्यकर्ता हैं। दिल्ली बीजेपी के प्रधान सचिव कुलजीत सिंह चहल ने कहा हमने ऐसा कभी भी नहीं कहा कि पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने के बारे में विचार नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि पहले बीजेपी द्वारा कहा गया था कि पार्टी मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देगी और न ही किसी पार्टी के नेता के रिश्तेदारों को टिकट दिया जाएगा। दिल्ली में तीन नगर निगम पालिका हैं। जिनमें कुल 272 वार्ड हैं। तीन नगर पालिका में से दो उत्तरी और पूर्वी नगर पालिका पर पूरी तरह से बीजेपी का कब्जा है। पिछले 10 सालों से बीजेपी ने नगर पालिका पर अपना दबदबा बनाया हुआ है।